Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Feb, 2025 05:51 PM
कर्नाटक के गदग जिले में एक किसान ने कर्ज के बोझ से दबकर आत्महत्या कर ली। 46 वर्षीय ईरप्पा कुरादागी ने अपने ही खेत में एक पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। किसान पर कुल 3.2 लाख रुपये का कर्ज था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था।
नेशनल डेस्क: कर्नाटक के गदग जिले में एक किसान ने कर्ज के बोझ से दबकर आत्महत्या कर ली। 46 वर्षीय ईरप्पा कुरादागी ने अपने ही खेत में एक पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। किसान पर कुल 3.2 लाख रुपये का कर्ज था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। बढ़ती आर्थिक तंगी और कर्ज का दबाव ईरप्पा के लिए इतना असहनीय हो गया कि उसने अपनी जीवनलीला समाप्त करने का फैसला कर लिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरप्पा ने केवीजी बैंक से 1.2 लाख रुपये का फसल ऋण और अलग-अलग सहकारी समितियों से 2 लाख रुपये का अतिरिक्त ऋण लिया था। खेती से पर्याप्त आय नहीं हो पाने के कारण वह कर्ज चुकाने में असमर्थ था।
कर्नाटक में बढ़ रही किसान आत्महत्याएं
कर्नाटक उन राज्यों में शामिल है जहां किसानों की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बेलगावी, हावेरी और धारवाड़ जिलों में आत्महत्या की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं। सबसे बड़ा कारण फसल खराब होना और कर्ज का दबाव है। बता दें महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक किसान आत्महत्याओं में दूसरे स्थान पर है।
आत्महत्याओं के पीछे क्या हैं वजहें?
* किसानों को समय पर फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।
* प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा या बाढ़ फसलों को नष्ट कर देती हैं।
* बैंकों और साहूकारों का ब्याज का बोझ बढ़ता जाता है।
* सरकार द्वारा घोषित ऋण माफी योजनाएं सभी किसानों तक नहीं पहुंच पातीं।