Edited By Yaspal,Updated: 25 Jun, 2024 06:06 AM
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी' में कथित गड़बड़ी के पांच नये मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है। इन मामलों की जांच गुजरात, राजस्थान और बिहार की पुलिस कर रही थी
नेशनल डेस्कः केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी' में कथित गड़बड़ी के पांच नये मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है। इन मामलों की जांच गुजरात, राजस्थान और बिहार की पुलिस कर रही थी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात और बिहार से एक-एक मामला और राजस्थान से तीन मामलों को अपनी प्राथमिकी के रूप में फिर से दर्ज किया है, वहीं महाराष्ट्र के लातूर से एक और मामले की जांच भी एजेंसी के अपने हाथ में लेने की संभावना है।
अधिकारियों ने बताया कि बिहार के मामले को छोड़कर, अन्य चार मामले अभ्यर्थी की जगह अन्य व्यक्ति द्वारा परीक्षा देने तथा स्थानीय अधिकारियों, निरीक्षकों और अभ्यर्थियों द्वारा धोखाधड़ी से संबंधित छिटपुट मामले प्रतीत होते हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय से व्यापक जांच के लिए एक संदर्भ जारी किये जाने पर सीबीआई ने पहले ही मामले के संबंध में अपनी प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
अधिकारियों ने बताया कि इन नये मामलों की जांच संभालने के बाद सीबीआई अब ‘राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक' (नीट-यूजी) में कथित गड़बड़ी से संबंधित कुल छह मामलों की जांच कर रही है। नीट-यूजी का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। यह परीक्षा पांच मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। परीक्षा में 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। रविवार को सीबीआई ने पहली प्राथमिकी दर्ज की थी।
इससे एक दिन पहले ही मंत्रालय ने घोषणा की थी कि वह परीक्षा के आयोजन में कथित गड़बड़ी की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप देगा। यह मांग कई शहरों में छात्रों के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई थी। सीबीआई के प्रवक्ता ने पहले कहा था, "शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से (परीक्षा में) कथित गड़बड़ी के पूरे मामले की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है, जिसमें अभ्यर्थियों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा साजिश, धोखाधड़ी, अभ्यर्थियों के स्थान पर किसी अन्य के परीक्षा में बैठने, विश्वासघात और सबूतों को नष्ट करना शामिल है।" अधिकारियों ने कहा है कि परीक्षा के संचालन से जुड़े सरकारी कर्मचारियों की भूमिका और साथ ही पूरा घटनाक्रम और वृहद साजिश भी जांच के दायरे में होगी।