Edited By Mahima,Updated: 25 Jan, 2025 12:03 PM
CBSE ने छात्रों के लिए APAAR ID लागू करने का निर्णय लिया है। यह पहल शैक्षिक रिकॉर्ड की पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को बढ़ाने के लिए की गई है। स्कूलों को इस ID की प्रक्रिया को छह चरणों में लागू करना होगा, जिसमें अभिभावकों से सहमति लेना, डेटा...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में छात्रों के लिए APAAR ID (स्वचालित स्थायी शैक्षिक खाता पंजीकरण) लागू करने का ऐलान किया है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत की गई है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक स्थायी और सुरक्षित डिजिटल पहचान देना है, जिससे शैक्षिक रिकॉर्ड की पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता में सुधार हो सके।
APAAR ID का महत्व
APAAR ID का उद्देश्य छात्रों के शैक्षिक और व्यक्तिगत डेटा को एक सुरक्षित और स्थायी डिजिटल रूप में संरक्षित करना है। इससे छात्रों के शैक्षिक रिकॉर्ड को आसानी से ट्रैक और मैनेज किया जा सकेगा। इस ID के द्वारा न केवल छात्रों की पहचान स्थापित होगी, बल्कि यह उनके शैक्षिक जीवन की शुरुआत से लेकर समापन तक का रिकॉर्ड भी एकीकृत किया जाएगा।
CBSE की ओर से जारी नोटिस
CBSE ने इस प्रक्रिया की शुरुआत करने के लिए एक नोटिस जारी किया है, जो CBSE की आधिकारिक वेबसाइट (cbse.gov.in) पर उपलब्ध है। इस नोटिस के अनुसार, स्कूलों को छात्रों के लिए APAAR ID जनरेट करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह प्रक्रिया छह प्रमुख चरणों में होगी, जो निम्नलिखित हैं:
1. पीटीएम आयोजित करना
स्कूलों को APAAR ID के महत्व और लाभों के बारे में अभिभावकों और छात्रों को अवगत कराने के लिए पेरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) आयोजित करनी होगी। इस बैठक में, स्कूलों को यह बताना होगा कि यह ID छात्रों के भविष्य के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है।
2. सहमति फॉर्म वितरण और संग्रह
स्कूलों को अभिभावकों को भौतिक सहमति फॉर्म वितरित करने होंगे। इन फॉर्म्स पर अभिभावकों को हस्ताक्षर करके यह स्वीकार करना होगा कि वे आधार विवरण का उपयोग करके APAAR ID बनाने के लिए सहमत हैं।
3. डेटा सत्यापन
स्कूल अधिकारियों को UDISE+ पोर्टल पर छात्रों के व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, जन्म तिथि और आधार नंबर की पुष्टि करनी होगी, ताकि कोई त्रुटि न हो और सही डेटा ही आगे बढ़े।
4. APAAR ID जनरेशन
सत्यापन के बाद, स्कूल UDISE+ पोर्टल का उपयोग करके छात्रों की APAAR ID जनरेट करेंगे। यह ID छात्रों के डिजिलॉकर खातों से भी जुड़ी होगी, ताकि छात्र का डेटा सुरक्षित रहे। इसके बाद, अभिभावकों को एक पुष्टिकरण एसएमएस भेजा जाएगा, जिसमें ID का सत्यापन और उनकी जानकारी दी जाएगी।
5. ID का वितरण
एक बार ID बन जाने के बाद, स्कूल इसे छात्रों और उनके अभिभावकों को वितरित करेंगे। इससे छात्रों को उनकी एक स्थायी और सुरक्षित डिजिटल पहचान प्राप्त होगी, जिसे वे अपने शैक्षिक जीवन में उपयोग कर सकेंगे।
6. गलतियों का समाधान
यदि किसी छात्र के डेटा में कोई गलती होती है, तो स्कूल अभिभावकों को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर भेजेंगे, जहां वे अपनी जानकारी को सही करवा सकते हैं।
नोटिस चेक करने का तरीका
CBSE के नोटिस को चेक करने के लिए नीचे बताए गए स्टेप्स का पालन करें:
1. सबसे पहले, उम्मीदवारों को CBSE की आधिकारिक वेबसाइट (cbse.gov.in) पर जाना होगा।
2. वेबसाइट पर होमपेज पर उपलब्ध लिंक पर क्लिक करें, जो APAAR ID से संबंधित नोटिस को दिखाता है।
3. नोटिस को ध्यान से पढ़ें और यदि चाहें तो इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं।
4. डाउनलोड किए गए नोटिस का प्रिंटआउट भी लिया जा सकता है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसे उपयोग में लाया जा सके।
CBSE के इस कदम का उद्देश्य
CBSE की यह पहल शैक्षिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने और छात्रों के डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगी। यह पूरी प्रक्रिया न केवल छात्रों के लिए सरल होगी, बल्कि उनके शैक्षिक जीवन को भी व्यवस्थित बनाएगी। साथ ही, डिजिटल इंडिया के तहत यह कदम छात्रों को आधुनिक और सुरक्षित शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में मदद करेगा।