Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Jun, 2024 11:46 AM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पिछले साल के नतीजों में कुछ सब्जेक्ट में थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों में अंतर पाया है। एआई टूल्स ने लगभग 500 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों में 50% या अधिक छात्रों के बीच भिन्नता का पता लगाया। बोर्ड ने ऐसे स्कूलों को अपनी...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पिछले साल के नतीजों में कुछ सब्जेक्ट में थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों में अंतर पाया है। एआई टूल्स ने लगभग 500 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों में 50% या अधिक छात्रों के बीच भिन्नता का पता लगाया। बोर्ड ने ऐसे स्कूलों को अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए एक सलाह जारी की है। जिसके बाद सीबीएसई ने कुछ स्कूलों को फिर से प्रैक्टिकल एग्जाम का इंटरनल असेसमेंट करने की सलाह दी है।
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, 'केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सीबीएसई से संबद्ध 500 स्कूलों में कुछ विषयों के 50 प्रतिशत या इससे अधिक स्टूडेंट्स को थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षा में मिले अंकों में बड़ी गड़बड़ी मिली है. प्रैक्टिकल व थ्योरी मार्क्स में बड़ा अंतर पाया गया है।'
दरअसल, सीबीएसई ने पिछले साल के नतीजों के आंकड़ों के आधार पर सीबीएसई से संबद्ध करीब 500 स्कूलों में 50% या उससे अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर पाया है। बोर्ड ने यह अंतर, नतीजों का विश्लेषण करने के लिए इस्तेमाल किए गए ए़डवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल के इस्तेमाल में पाया है.
आधिकारिक नोटिस में लिखा है, “केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने उन्नत AI टूल के माध्यम से लगभग 500 CBSE-संबद्ध स्कूलों में 50% या अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में सिद्धांत और व्यावहारिक अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पता लगाया है। पिछले वर्षों के परिणाम आँकड़े। यह भिन्नता स्कूलों में व्यावहारिक परीक्षाओं के दौरान सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। नतीजतन, बोर्ड ने ऐसे स्कूलों को अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए एक सलाह जारी की है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक मजबूत, पारदर्शी और विश्वसनीय तंत्र लागू करना है कि मूल्यांकन प्रक्रिया यथार्थवादी हो और छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में पर्याप्त मूल्य जोड़े।'' सीबीएसई चाहता है कि स्कूल सीबीएसई से संबद्ध संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए व्यावहारिक परीक्षाओं के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता दें।