Edited By Mahima,Updated: 19 Feb, 2025 12:59 PM
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CBSE ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार कराने का निर्णय लिया है, जो 2026 से लागू हो सकता है। यह निर्णय छात्रों को अधिक अवसर देगा, ताकि वे किसी कारणवश छूटे हुए एग्जाम को दोबारा दे सकें। इसके साथ ही CBSE वैश्विक पाठ्यक्रम और शिक्षक...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की योजना बना रहा है। बोर्ड ने फैसला लिया है कि कक्षा 10वीं की परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित की जाएगी, और यह बदलाव 2026 से लागू हो सकता है। इस बदलाव के तहत, अगर किसी छात्र को किसी कारणवश परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलता या फिर वह बीमार हो जाता है, तो उसे पुनः परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। इसका उद्देश्य छात्रों को ज्यादा मौके देना और परीक्षा से जुड़ी तनावपूर्ण परिस्थितियों को कम करना है।
जल्द ही ड्राफ्ट जारी होगा, सुझाव मांगे जाएंगे
इस नए बदलाव के बारे में आधिकारिक ड्राफ्ट जल्द ही जारी किया जाएगा, और बोर्ड जनता से इस पर अपने सुझाव भी मांगेगा। सीबीएसई का यह निर्णय छात्रों को अधिक अवसर देने का प्रयास है, ताकि वे परीक्षा में अपनी पूरी क्षमता से भाग ले सकें, चाहे कोई अप्रत्याशित कारण सामने आए। यह निर्णय शिक्षा के माहौल को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है, जिससे बच्चों की सोचने की क्षमता और समझ पर ज्यादा जोर दिया जा सके, न कि केवल याद करने पर।
परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने में करेंगे मदद
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में CBSE के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें NCERT, KVS (केंद्रीय विद्यालय संगठन), और NVS (नवोदय विद्यालय समिति) के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में प्रस्तावित बदलावों की पूरी समीक्षा की गई। धर्मेंद्र प्रधान ने इन सुधारों के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कदम तनावमुक्त शिक्षण वातावरण बनाने की दिशा में आवश्यक हैं। उनका मानना है कि ये सुधार परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने में मदद करेंगे और एक संतुलित मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए करेगा तैयार
CBSE ने 2026-27 से अपनी 260 विदेशी स्कूलों के लिए एक वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को वैश्विक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने में मदद करेगा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेगा। इसके अलावा, बोर्ड ने इस नई मूल्यांकन प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिक्षक प्रशिक्षण में भी निवेश करने की योजना बनाई है। शिक्षक प्रशिक्षण के जरिए, CBSE यह सुनिश्चित करना चाहता है कि स्कूलों में शिक्षक पूरी तरह से नए मूल्यांकन पैटर्न को समझें और छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन करें।
छात्रों को सावधान रहने का भी दिया निर्देश
CBSE ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव की प्रक्रिया को लेकर स्कूलों के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों को OECMS पोर्टल पर परीक्षा के दिन अपनी प्रतिक्रिया अपलोड करनी होगी। अगर स्कूल देरी से प्रतिक्रिया भेजते हैं, तो CBSE उस पर विचार नहीं करेगा। इसके साथ ही, CBSE ने स्कूलों को पेपर लीक और परीक्षा में अनियमितताओं से संबंधित गलत जानकारी से छात्रों को सावधान रहने का भी निर्देश दिया है। बोर्ड ने सभी को केवल आधिकारिक संचार पर विश्वास करने की अपील की है, ताकि गलत सूचना से बचा जा सके।
परीक्षाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए CBSE की सख्त पहल
परीक्षाओं के संबंध में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, CBSE ने पेपर लीक और परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर विशेष सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने छात्रों और अन्य संबंधित पक्षों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक जानकारी पर विश्वास करें और किसी भी तरह की अफवाहों से बचें। बोर्ड ने इस साल 42 लाख से अधिक छात्रों के लिए 7,842 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की है, जो भारत और विदेशों में फैले हुए हैं।
छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे कम तनाव में परीक्षा देंगे
CBSE का यह कदम छात्रों को परीक्षा में अधिक लचीलापन और अवसर देने के लिए है। अगर कोई छात्र किसी वजह से परीक्षा में नहीं बैठ पाता या फिर उसका स्वास्थ्य खराब हो जाता है, तो अब वह परीक्षा के अगले दौर में हिस्सा ले सकेगा। इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे कम तनाव में परीक्षा देंगे। इसके अलावा, CBSE का उद्देश्य इस बदलाव के जरिए बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है, ताकि वे अपनी पढ़ाई और परीक्षा में अधिक सशक्त तरीके से भाग ले सकें।