Edited By Mahima,Updated: 03 Dec, 2024 12:15 PM
CBSE छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार परीक्षा देने का विकल्प देने पर विचार कर रहा है। इस बदलाव के तहत, छात्र अपनी क्षमता के अनुसार परीक्षा के कठिनाई स्तर का चयन कर सकेंगे। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत शुरू की जा रही है। फिलहाल,...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) आने वाले वर्षों में छात्रों को उनकी क्षमता के अनुसार परीक्षा देने का एक नया विकल्प देने पर विचार कर रहा है। इस योजना के तहत, छात्र अपनी योग्यता के आधार पर परीक्षा के कठिनाई स्तर का चयन कर सकेंगे। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत उठाया जा रहा है, जिसमें छात्रों को उनके ज्ञान और क्षमता के अनुसार परीक्षा के दो स्तरों पर परीक्षा देने की सुविधा देने का प्रस्ताव किया गया था।
गणित में पहले ही लागू हो चुका है पैटर्न
वर्तमान में, यह नया परीक्षा पैटर्न पहले ही गणित विषय में लागू किया जा चुका है, जो कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा का हिस्सा है। सीबीएसई के सूत्रों के अनुसार, यह पहल छात्रों को अपनी क्षमता के अनुसार परीक्षा देने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है, ताकि उनकी वास्तविक योग्यता को सही तरीके से मापा जा सके।
विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में भी लागू होगा पैटर्न
अब, सीबीएसई विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों में भी इस पैटर्न को लागू करने की योजना बना रहा है। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को उनकी क्षमता के अनुसार परीक्षा देने का अवसर देना है, ताकि वे अपने विषयों में बेहतर तरीके से प्रदर्शन कर सकें।
NCERT करेगा पाठ्यक्रम में बदलाव
हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए एक और चुनौती सामने आ रही है। परीक्षा के दो स्तरों के लिए पाठ्यक्रम में भी बदलाव करना होगा। यह कार्य नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा किया जाएगा। NCERT को पाठ्यपुस्तकों में आवश्यक बदलाव करना होगा ताकि दोनों स्तरों के लिए उपयुक्त सामग्री और विषयों का चयन किया जा सके।
आगे की प्रक्रिया
यह प्रस्ताव अभी तक CBSE की गवर्निंग बॉडी के पास नहीं गया है और इसे सर्वोच्च निकाय से मंजूरी मिलने के बाद ही लागू किया जा सकेगा। यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो छात्रों को उनके लिए उपयुक्त कठिनाई स्तर के आधार पर परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, जो उनकी क्षमता और अध्ययन के क्षेत्र में बेहतर अवसर सुनिश्चित करेगा। यह कदम छात्रों के लिए एक बड़ी राहत हो सकता है, क्योंकि उन्हें अब अपनी क्षमता के अनुसार कठिनाई स्तर का चुनाव करने का मौका मिलेगा, जिससे परीक्षा का दबाव कम होगा और वे अपनी वास्तविक क्षमताओं का बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।