Sovereign Gold Bond: सस्‍ता और शुद्ध सोना बेचना बंद करेगी सरकार!

Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Aug, 2024 04:14 PM

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केंद्र सरकार द्वारा अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करने की संभावना कम है, क्योंकि शीर्ष सरकारी अधिकारियों के अनुसार इन बॉन्ड्स को 'जटिल और महंगे साधन' के रूप में देखा जा रहा है।

नेशनल डेस्क:  केंद्र सरकार द्वारा अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करने की संभावना कम है, क्योंकि शीर्ष सरकारी अधिकारियों के अनुसार इन बॉन्ड्स को 'जटिल और महंगे साधन' के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस महीने की शुरुआत में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (SGB 2016-17 सीरीज 1, जारी करने की तारीख 5 अगस्त 2016) के भुनाए जाने के लिए सोने की कीमत 6,938 रुपये प्रति ग्राम (999 शुद्धता) निर्धारित की है। यह कीमत अगस्त 2016 में जारी मूल्य 3,119 रुपये प्रति ग्राम से 122% अधिक है।

हालांकि, इस भुनाए जाने की कीमत 23 जुलाई को प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट से एक सप्ताह पहले की औसत कीमत की तुलना में 4.5% कम थी। सीमा शुल्क में कमी के बाद से सोने की कीमतों में गिरावट आई है। बजट में सोने पर आयात शुल्क 15% से घटाकर 6% कर दिया गया, जिससे आभूषण निर्माताओं की उत्पादन लागत कम हो गई और तस्करों के लिए मुश्किलें बढ़ गईं। बजट दस्तावेज़ों से यह भी संकेत मिलता है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को पहले से ही कम किया जा रहा था।


सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) को पेपर गोल्ड के रूप में पेश किया था। बॉन्ड एक प्रकार का कर्ज होता है, जिसे सरकार या कंपनियां उधार के रूप में लेती हैं। इस योजना में निवेशकों ने अपना पैसा जमा किया, और अब सरकार को उन्हें अधिक राशि वापस करनी होगी। इस योजना का प्रबंधन आरबीआई द्वारा किया जाता है। जब 2015 में इस योजना की शुरुआत हुई, तब इसका इश्यू प्राइस 2,684 रुपये प्रति ग्राम था। 2023 में मैच्योरिटी पूरी होने पर इसका रिडेम्पशन मूल्य बढ़कर 6,132 रुपये प्रति ग्राम हो गया। इस प्रकार, निवेशकों को आठ साल में लगभग 228 प्रतिशत का लाभ हुआ।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सोना खरीदने का एक विकल्प है, जिसे आरबीआई सरकार की ओर से जारी करता है। इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में की गई थी, ताकि देश में सोने के आयात पर नियंत्रण लगाया जा सके। ये बॉन्ड सोने के ग्राम के आधार पर होते हैं, और इन्हें एक ग्राम सोने की कीमत के अनुसार जारी किया जाता है। SGB के माध्यम से मिलने वाला सोना बाजार दरों से सस्ता होता है। आमतौर पर, इन बॉन्ड्स को 8 साल तक रखा जाता है, लेकिन इन्हें 5 साल बाद भी बेचा जा सकता है। एक व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो सोना गोल्ड बॉन्ड के माध्यम से खरीद सकता है, जबकि कोई भी ट्रस्ट या संस्था प्रति वर्ष 20 किलो तक सोना खरीद सकती है।

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