8th Pay Commission:  इन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग, जानें कैसे बढ़ेगी नई सैलरी...

Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Mar, 2025 04:20 PM

central government 8th pay commission

केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन और भत्तों में संशोधन की उम्मीद है। हालांकि, कुछ कर्मचारी वर्ग इस आयोग के दायरे से बाहर होंगे। विशेष रूप से, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों...

नेशनल डेस्क: ​केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन और भत्तों में संशोधन की उम्मीद है। हालांकि, कुछ कर्मचारी वर्ग इस आयोग के दायरे से बाहर होंगे। विशेष रूप से, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) और स्वायत्त निकायों के कर्मचारी, साथ ही उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, 8वें वेतन आयोग के तहत नहीं आते हैं। इन कर्मचारियों के वेतन और भत्ते उनके संबंधित संगठनों द्वारा निर्धारित होते हैं। ​

किन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा 8वां वेतन आयोग?
भारत में वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जिसे 2014 में गठित किया गया था और 2016 से यह प्रभावी हुआ। भारत में सामान्यत: हर दस साल में एक नया वेतन आयोग बनाया जाता है, और अब 8वां वेतन आयोग तैयार है। हालांकि, यह वेतन आयोग कुछ खास श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए लागू नहीं होगा।

जिन कर्मचारियों का कार्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs), स्वायत्त संस्थाओं (Autonomous Bodies) या उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट के जजों से जुड़ा हुआ है, उनके लिए 8वां वेतन आयोग लागू नहीं होगा। इन कर्मचारियों के वेतन और भत्तों का निर्धारण अलग नियमों और विधियों के आधार पर किया जाता है, और इसलिए उन पर इस आयोग का असर नहीं होगा।

8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में बढ़ौतरी
8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में बढ़ौतरी मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर की जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, जिन कर्मचारियों की सैलरी 18,000 रुपये है, उनकी सैलरी बढ़कर 51,000 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, यह तय नहीं हुआ है कि फिटमेंट फैक्टर की वास्तविक दर क्या होगी, लेकिन इसका असर सैलरी पर बहुत सकारात्मक हो सकता है।

फिटमेंट फैक्टर का मतलब क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक है, जिसे सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के संशोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू होता है। उदाहरण के लिए, अगर  बेसिक सैलरी 15,500 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो उसकी नई सैलरी 15,500 × 2.57 = 39,835 रुपये हो जाएगी। इस तरह, फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ता है और यह उनकी सैलरी में वृद्धि का कारण बनता है।
 
 

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