Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Feb, 2025 10:35 AM
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केंद्र सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जिससे बीमा खरीदने वालों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य बीमा पॉलिसियों की बिक्री में हो रही गलतियों और जबरन पॉलिसी बेचे जाने की घटनाओं को रोकना है।
मुंबई: केंद्र सरकार इंश्योरेंस सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जिससे बीमा खरीदने वालों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य बीमा पॉलिसियों की बिक्री में हो रही गलतियों और जबरन पॉलिसी बेचे जाने की घटनाओं को रोकना है। इसके तहत ‘प्री-लुक पीरियड’ को मौजूदा 30 दिन से बढ़ाकर 1 साल करने की योजना बनाई गई है, जिससे ग्राहक पॉलिसी की शर्तों को अच्छे से समझकर जरूरत पड़ने पर उसे वापस कर सकें।
इसके अलावा, ‘कॉम्पोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस’ की भी शुरुआत की जा सकती है, जिससे एक ही कंपनी जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और अन्य नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेवाएं दे सकेगी। इससे ग्राहकों को अलग-अलग कंपनियों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी और उनके लिए बीमा खरीदना आसान हो जाएगा।
बीमा क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:
प्रशिक्षित एजेंटों के जरिए ही पॉलिसी की बिक्री होगी, जिससे गलत तरीके से पॉलिसी बेचे जाने पर रोक लगेगी।
बीमा कंपनियों के प्रबंधन और निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव किए जाएंगे, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए 100% एफडीआई (FDI) का रास्ता साफ हो सके।
सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे केवल अधिकृत और प्रशिक्षित एजेंटों के जरिए ही इंश्योरेंस पॉलिसी बेचें।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, संसद में कानून पारित होने के बाद ये नए नियम लागू किए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक लोग बीमा कवरेज के दायरे में आ सकें।