Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Oct, 2024 11:45 AM
केंद्र सरकार ने खराब गुणवत्ता वाले हेलमेट बेचकर लोगों की जान जोखिम में डालने वालों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। उपभोक्ता मंत्रालय ने हर जिले के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मानकों का उल्लंघन करने वाले हेलमेट निर्माताओं...
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने खराब गुणवत्ता वाले हेलमेट बेचकर लोगों की जान जोखिम में डालने वालों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने का फैसला किया है। उपभोक्ता मंत्रालय ने हर जिले के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मानकों का उल्लंघन करने वाले हेलमेट निर्माताओं और विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई करें। अब तक, मानकों का पालन न करने वाले 162 हेलमेट निर्माताओं के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं, जिनमें से तीन राजस्थान और 96 दिल्ली से हैं। इसके अलावा, बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग पर 27 जगहों पर छापेमारी की गई है।
जीवन सुरक्षा के लिए सख्त नियम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जून, 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया, जिसके तहत सभी हेलमेट में बीआईएस (BIS) प्रमाणन का होना अनिवार्य है। बिना बीआईएस प्रमाणन के बने या बेचे जाने वाले हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 का उल्लंघन करते हैं। अक्सर देखा गया है कि कई स्थानीय बाजारों और सड़क किनारे बिकने वाले हेलमेट में यह प्रमाणन नहीं होता, जिससे वाहन चालकों का जीवन खतरे में पड़ जाता है।
उपभोक्ताओं को मिलेगी जांच सुविधा
उपभोक्ता अपनी सुरक्षा के लिए BIS केयर ऐप के जरिए या बीआईएस की वेबसाइट पर जाकर किसी हेलमेट निर्माता का लाइसेंस सत्यापित कर सकते हैं। इससे वे सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे प्रमाणित और सुरक्षित हेलमेट का ही उपयोग कर रहे हैं।
‘बाजार से हटाए जाएंगे असुरक्षित हेलमेट’
उपभोक्ता मंत्रालय की सचिव, निधि खरे ने कहा, "हेलमेट जीवन बचाता है, लेकिन केवल तभी जब वह उच्च गुणवत्ता वाला हो। इस अभियान का उद्देश्य असुरक्षित हेलमेट को बाजार से हटाना और उपभोक्ताओं को बीआईएस प्रमाणित उत्पादों के महत्व के प्रति जागरूक करना है। हम सभी हितधारकों से अनुरोध करते हैं कि वे नागरिकों की सुरक्षा के इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं।"