Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Feb, 2025 11:26 AM
दालों पर आत्मनिर्भर बनने के लिए छह साल की योजना, राज्यों के साथ मिलकर फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार ने दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक छह साल की योजना तैयार की है।
नई दिल्ली: दालों पर आत्मनिर्भर बनने के लिए छह साल की योजना, राज्यों के साथ मिलकर फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार ने दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक छह साल की योजना तैयार की है। इसके तहत विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर दालों के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम किया जाएगा। योजना का उद्देश्य दालों की कमी को पूरा करना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।
इसके साथ ही, सरकार फलों और सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। राज्यों के सहयोग से इन कृषि उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे, ताकि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिले और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। केंद्र सरकार ने भारत में कपास (कॉटन) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक विशेष 5 साल की योजना की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में कपास उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों की आय में सुधार करना है।
इस योजना के तहत, आधुनिक तकनीकों और बेहतर खेती के तरीकों को अपनाकर कपास की उपज को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। किसानों को उन्नत बीज, बेहतर सिंचाई सुविधाएं और कृषि रसायनों की सहायता दी जाएगी, ताकि वे अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। कॉटन के उत्पादन में वृद्धि से न केवल कृषि क्षेत्र को लाभ होगा, बल्कि इससे कपड़ा उद्योग में भी मजबूती आएगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
कृषि उत्पादकता को सुधारना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इन 100 जिलों में विभिन्न कृषि सुधारों को लागू किया जाएगा, जिसमें उन्नत तकनीकी, बेहतर सिंचाई उपाय, उर्वरकों का प्रभावी उपयोग और फसल विविधीकरण जैसे कदम शामिल होंगे। इसके साथ ही, इन जिलों में किसानों को उन्नत बीज, प्रशिक्षण, और कृषि उपकरणों की सहायता दी जाएगी। यह योजना कृषि क्षेत्र को और मजबूत करने के साथ-साथ, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार लाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।