एंटी पेपर लीक कानून हुआ लागू, धांधली करते पकड़े गए तो 10 साल की कैद, 1 करोड़ का जुर्माना

Edited By Yaspal,Updated: 22 Jun, 2024 12:33 AM

central government will bring a law to stop paper leak and cheating

लगातार हो रहे पेपर लीक के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। केंद्र सरकार पेपर लीक रोकने के लिए कानून लेकर आ रही है। पेपर लीक कानून को लेकर केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

नेशनल डेस्कः लगातार हो रहे पेपर लीक के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। पेपर लीक कानून को लेकर केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार ने इसे लोक परीक्षा कानून 2024 का नाम दिया है। लोक परीक्षा कानून 2024 के लागू होने के बाद सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। दरअसल, NEET UG और UGC NET की परीक्षाओं में धांधली के बाद केंद्र सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
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इसी साल फरवरी में एंटी-पेपर लीक लॉ अस्तित्व में आया था। पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 नाम से इस लॉ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी थी। कानून लाने के पीछे मकसद है कि जितने भी बड़े सार्वजनिक एग्जाम हो रहे हैं, उनमें ज्यादा पारदर्शिता रहे। साथ ही युवा आश्वस्त रहें कि कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएगी। यह कानून एक के बाद एक परीक्षाओं, जैसे राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में जूनियर क्लर्क के लिए भर्ती और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा सहित कई हालिया पेपर लीक्स को देखते हुए लाया गया है। इसमें नकल पर रोकथाम के लिए न्यूनतम तीन साल से पांच साल तक के कारावास और इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों को पांच से 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। प्रस्तावित कानून में न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

सभी परीक्षाएं कानून के दायरे में
विधेयक के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं आएंगी। लोक परीक्षा कानून 2024 में कहा गया है, ‘‘'प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी का लीक होना', 'सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत रूप से किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार की सहायता करना' और 'कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना' किसी व्यक्ति, लोगों के समूह या संस्थानों द्वारा किए गए अपराध हैं।

बता दें कि मेडिकल में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा NEET पर इन दिनों जमकर विवाद हो रहा है। दरअसल 5 मई को हुए नीट के एग्जाम (NEET Exam) में एक यो दो नहीं पूरे 67 बच्चों ने टॉप किया, जो अपने आप में चौकाने वाली बात है। वहीं कथित तौर पर पेपर लीक का भी खुलासा हुआ है। सरकार परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कानून लेकर आई है।

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