Edited By Rahul Rana,Updated: 15 Nov, 2024 01:22 PM
भारत सरकार ने गुरुवार को "त्वरित नवाचार और अनुसंधान के लिए साझेदारी" (PAIR) कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, खासकर उन संस्थानों के लिए जिनकी...
नेशनल डेस्क। भारत सरकार ने गुरुवार को "त्वरित नवाचार और अनुसंधान के लिए साझेदारी" (PAIR) कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, खासकर उन संस्थानों के लिए जिनकी अनुसंधान क्षमताएं सीमित हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शीर्ष स्तर के संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाकर उभरते संस्थानों को मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करना है।
PAIR कार्यक्रम का उद्देश्य
यह कार्यक्रम भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य संस्थानों के बीच अनुसंधान क्षमता को बढ़ावा देना है, ताकि एक मजबूत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके। इस कार्यक्रम में उभरते संस्थानों को विशेषज्ञता, मार्गदर्शन, और संसाधनों तक पहुंच प्रदान की जाएगी। इसे एक हब-एंड-स्पोक मॉडल के तहत चलाया जाएगा, जिसमें प्रमुख संस्थान (हब) छोटे और उभरते संस्थानों (स्पोक) को सहायता और मार्गदर्शन देंगे।
कार्यक्रम की संरचना
: प्रत्येक PAIR नेटवर्क में एक हब और अधिकतम सात स्पोक संस्थान होंगे।
: हब संस्थान प्रमुख और प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान होंगे, जबकि स्पोक संस्थान छोटे और उभरते संस्थान होंगे।
: पहले चरण में, हब संस्थानों में भारत के शीर्ष 25 संस्थान और शीर्ष 50 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान शामिल होंगे। इन संस्थानों के साथ स्पोक संस्थानों के रूप में केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईआईटी) को जोड़ा जाएगा।
: हर हब संस्थान से एक प्रस्ताव ही स्वीकार किया जाएगा जिसमें स्पोक संस्थानों से बहु-विभागीय संकायों की अनिवार्य भागीदारी होगी।
कार्यक्रम के लाभ
वहीं डीएसटी के सचिव और एएनआरएफ के सीईओ प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि PAIR कार्यक्रम का उद्देश्य उन विश्वविद्यालयों में परिवर्तनकारी अनुसंधान को उत्प्रेरित करना है, जिनमें अनुसंधान क्षमता है, लेकिन संसाधन और मार्गदर्शन की कमी है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में चयनित विश्वविद्यालयों और संस्थानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि भविष्य में इस कार्यक्रम का दायरा बढ़ाया जाएगा। उनका कहना था, "PAIR का उद्देश्य हमारे विश्वविद्यालयों में शोध पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाना है, ताकि भारत में अनुसंधान और नवाचार की क्षमता को और बढ़ाया जा सके।"
कार्यक्रम का महत्व
बता दें कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सितंबर में हुए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) की उद्घाटन शासी बोर्ड बैठक के दौरान चर्चा की गई थी। PAIR कार्यक्रम से भारत के अनुसंधान संस्थानों में अंतर को पाटने और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का उद्देश्य है।