'CM पद से हटाकर मेरा अपमान किया, मेरे लिए सभी विकल्प खुले', JMM के खिलाफ Champai Soren की बगावत

Edited By Utsav Singh,Updated: 18 Aug, 2024 07:20 PM

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बारे में हाल ही में काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं। इन अफवाहों के बीच, चंपई सोरेन ने ट्विटर पर अपनी स्थिति स्पष्ट की...

नेशनल डेस्क : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बारे में हाल ही में काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं। इन अफवाहों के बीच, चंपई सोरेन ने ट्विटर पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है और अपने भविष्य को लेकर जानकारी दी है। आपको बता दें कि चंपई सोरेन ने अब सार्वजनिक रूप से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने समर्थकों के लिए एक भावुक संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने पार्टी से मिले अपमान और दर्द को शब्दों में बयां किया है।

पार्टी के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी
चंपई सोरेन ने कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। उन्होंने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि इस सबके बावजूद पार्टी ने उन्हें उनकी सेवाओं का उचित मूल्य नहीं दिया। इस दर्द को व्यक्त करते हुए, चंपई ने यह भी बताया कि पार्टी छोड़ने के बाद उनके पास कौन-कौन से विकल्प खुले हैं और वे क्या कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से जो हालात बन गए हैं, उन्होंने उन्हें भीतर से तोड़ दिया है। उन्होंने आत्ममंथन के बाद यह निर्णय लिया कि अब उनके लिए नई दिशा चुनने का समय आ गया है। चंपई ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे इस कठिन समय में उनका समर्थन करें और उनके फैसले का सम्मान करें।

मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा
चंपई सोरेन ने ट्वीट करते हुए कहा, “इतने अपमान और तिरस्कार के बाद, मुझे एक वैकल्पिक रास्ता खोजने के लिए मजबूर होना पड़ा है। विधायक दल की बैठक में मैंने भारी मन से यह घोषणा की कि 'आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है।' इस नए अध्याय में मेरे सामने तीन प्रमुख विकल्प थे। पहला, राजनीति से पूरी तरह संन्यास ले लेना; दूसरा, एक अलग राजनीतिक संगठन स्थापित करना; और तीसरा, अगर किसी साथी का साथ मिले, तो उसके साथ मिलकर इस यात्रा को जारी रखना।”

ये विकल्प मेरे लिए अभी भी खुले हैं...
उन्होंने आगे कहा, “ये विकल्प मेरे लिए अभी भी खुले हैं और झारखंड विधानसभा चुनाव तक ये स्थिति बनी रहेगी। इसका मतलब यह है कि मैं किसी भी दिशा में आगे बढ़ सकता हूँ और राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर किसी भी निर्णय पर पहुंच सकता हूँ।” इस तरह, चंपई सोरेन ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी राजनीतिक यात्रा को लेकर अभी किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं और भविष्य में किस दिशा में जाएंगे, यह विधानसभा चुनावों तक अनिश्चित रहेगा।

4 दशकों के बेदाग राजनीतिक सफर के बारे में बात की
चंपई सोरेन ने अपने हालिया ट्वीट में अपने चार दशकों के बेदाग राजनीतिक सफर के बारे में बात की है, जिसमें उन्होंने कहा कि इस दौरान वह पहली बार भीतर से टूट गए हैं। उन्होंने लिखा है कि हाल की घटनाओं ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या कदम उठाएं। उन्होंने खुलासा किया कि वह दो दिन तक चुपचाप बैठकर आत्म-मंथन करते रहे और पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती की खोज में लगे रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें सत्ता का कोई लोभ नहीं था, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट ने उन्हें आहत किया। सोरेन ने यह भी बताया कि अपनों द्वारा दिए गए दर्द और अपमान को कैसे व्यक्त करें, यह सवाल उनके सामने खड़ा था। उनके इस बयान में भावनात्मक गहराई और व्यक्तिगत संघर्ष को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जो उनके राजनीतिक जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों को दर्शाता है।

चंपई सोरेन का निजी संघर्ष और राजनीतिक दृष्टिकोण
चंपई सोरेन ने हाल ही में अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर अपने निजी संघर्ष के बारे में खुलासा किया और अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। उन्होंने लिखा कि यह व्यक्तिगत संघर्ष उनकी खुद की है, और उन्होंने किसी भी पार्टी सदस्य या संगठन को इसमें शामिल करने का कोई इरादा नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन परिस्थितियों में उन्होंने अपने जीवन को समर्पित किया है, उस पार्टी का नुकसान करने के बारे में सोचना भी उनके लिए असंभव है।

जन-सरोकार की राजनीति पर चंपई सोरेन का दृष्टिकोण
चंपई सोरेन ने अपनी सार्वजनिक राजनीति की शुरुआत से लेकर अब तक की यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा जन-सरोकार की राजनीति की है, चाहे वह औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाना हो या झारखंड आंदोलन में हिस्सा लेना हो। सोरेन ने अपने प्रयासों को रेखांकित किया कि उन्होंने राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, छात्रों और पिछड़े वर्गों को उनके अधिकार दिलाने की निरंतर कोशिश की है। उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में किसी भी पद पर रहते हुए, जनता के मुद्दों को उठाने का दावा किया है और झारखंड राज्य के बेहतर भविष्य के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।

सत्ता में रहते हुए नैतिकता पर चंपई सोरेन का दावा
चंपई सोरेन ने अपनी सत्ता की अवधि के दौरान अपने कार्यों के बारे में भी स्पष्टता प्रदान की। उन्होंने कहा कि जब उन्हें सत्ता मिली, तो उन्होंने बाबा तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू जैसे वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया। सोरेन ने जोर देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कभी भी किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया और न ही किसी को ऐसा करने दिया। उनका दावा है कि राज्य के हर नागरिक को उनके कार्यकाल के दौरान उनकी सेवा और निष्ठा का पूर्ण विश्वास है।

आपको बता दें कि चंपई सोरेन, जो झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से आते हैं, को "कोल्हान टाइगर" के नाम से भी जाना जाता है। कोल्हान में विधानसभा की 14 और लोकसभा की 2 सीटें हैं। अगर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल होते हैं, तो यह झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर विधानसभा चुनावों से पहले।

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