चंडीगढ़ यूटी ने हासिल किया नया कीर्तिमान, मोबाइल पर ई-समन भेजने वाला पहला शहर बना

Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Jan, 2025 03:50 PM

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चंडीगढ़ देश का पहला संघ राज्य क्षेत्र (यूटी) बन गया है, जहां तीन नए कानून लागू किए गए हैं- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। इन नए कानूनों के तहत, चंडीगढ़ देश का पहला शहर है, जिसने गवाहों को मोबाइल के...

नई दिल्ली: चंडीगढ़ देश का पहला संघ राज्य क्षेत्र (यूटी) बन गया है, जहां तीन नए कानून लागू किए गए हैं- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। इन नए कानूनों के तहत, चंडीगढ़ देश का पहला शहर है, जिसने गवाहों को मोबाइल के माध्यम से ई-समन भेजने की शुरुआत की है।

ई-समन के तहत पहला कदम
पिछले दिसंबर में, चंडीगढ़ पुलिस ने महज 30 दिनों में करीब 350 समन जारी किए। हालांकि, शुरुआत में यह समन पुलिस अधिकारियों ने अपने निजी मोबाइल फोन के जरिए भेजे थे। अब, ई-समन भेजने के लिए पुलिस विभाग ने 60 नए मोबाइल फोन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

नए कानूनों के तहत सुधार
चंडीगढ़ पुलिस ने सीसीटीएनएस (क्रिमिनल केस ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) और एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) के इंटीग्रेशन में भी काफी तेजी से काम किया है। नए कानूनों के तहत कार्यवाही के लिए पुलिस विभाग में 22 आईटी विशेषज्ञ और 125 डाटा एनालिस्ट नियुक्त किए गए हैं। सभी पुलिस थानों में गवाहों की वीडियो गवाही के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम बनाए गए हैं। इन रूम्स में स्पीकर और दो वेब कैमरे लगाए गए हैं ताकि गवाह की गवाही सही तरीके से ली जा सके। इसके अलावा, इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) भी चंडीगढ़ पुलिस के पास है, जो इस प्रणाली को और प्रभावी बनाता है। 

सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी
इन नए कानूनों और ई-समन की प्रक्रिया को लागू करने में कुछ देरी हुई थी, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी प्राप्त करनी थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नवंबर में एक कमेटी गठित की गई, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को शामिल किया गया। इस कमेटी ने ई-समन प्रक्रिया को मंजूरी दी, जिसके बाद यह लागू हुआ। 

कैसे काम करती है ई-समन की प्रक्रिया?
अब, जब कोई गवाह समन नहीं लेता या पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी करता है, तो पुलिस उसे मोबाइल फोन के जरिए ई-समन भेज देती है। पहले यह समन जिला कोर्ट द्वारा पुलिस को भेजे जाते थे, लेकिन अब कोर्ट की ओर से समन जारी होते ही पुलिस इसे सीधे गवाह के मोबाइल नंबर पर भेज देती है। इससे गवाहों को समन मिलने से बचने का कोई बहाना नहीं रहेगा। 

एसएसपी कंवरदीप का बयान
एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद ई-समन की प्रक्रिया शुरू हुई और अब तक चंडीगढ़ पुलिस ने करीब 350 गवाहों को ई-समन जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम गवाहों को समन भेजने में होने वाली समस्याओं को खत्म करने में मदद करेगा और पुलिस को अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होगा।

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