Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Nov, 2021 05:27 PM
भारत के चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान ने NASA के लूनर रीकानसन्स ऑर्बिटर (LRO) के साथ टक्कर से बचने के लिए पूर्वाभ्यास किया था। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दी।
नेशनल डेस्क: भारत के चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान ने NASA के लूनर रीकानसन्स ऑर्बिटर (LRO) के साथ टक्कर से बचने के लिए पूर्वाभ्यास किया था। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दी। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर (CH2O) और नासा के LRO के इस साल 20 अक्तूबर को भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजकर 15 मिनट पर लूनर नॉर्थ पोल के पास बहुत करीब आने की आशंका थी। बेंगलुरु स्थित इसरो कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
संभावित टक्कर से पहले एक हफ्ते की अवधि में इसरो और जेपीएल/नासा दोनों ने विश्लेषण किया जिसमें देखा गया कि दोनों अंतरिक्षयान के बीच त्रिज्यीय दूरी (रेडियल सेपरेशन) 100 मीटर से भी कम थी। दोनों एजेंसियों को लगा कि ऐसी स्थिति में दोनों अंतरिक्षयानों के करीब आने के जोखिम को कम करने के लिए ‘टक्कर बचाव अभ्यास' (सीएएम) की जरूरत थी और परस्पर ऐसा करने की सहमति बनी। इसरो के मुताबिक 18 अक्तूबर को यह अभ्यास किया गया। पूर्वाभ्यास के बाद के आंकड़ों के साथ इस बात की पुष्टि की गई कि निकट भविष्य में LRO के साथ आगे कोई टकराव की स्थिति नहीं बने। पृथ्वी की कक्षा में स्थित उपग्रहों में टकराव के जोखिम को कम करने के लिए सीएएम की प्रक्रिया सामान्य होती है।