Edited By Mahima,Updated: 01 Jul, 2024 12:35 PM
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विवाह के सीजन में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार, जुलाई महीने में शुक्र ग्रह के उदय के बाद से ही शुभ माना जाता है। इस बार शुक्र ग्रह का उदय 5 जुलाई को हो रहा है, जिससे 9 जुलाई से विवाह के मांगलिक मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। ये...
नेशनल डेस्क: विवाह के सीजन में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार, जुलाई महीने में शुक्र ग्रह के उदय के बाद से ही शुभ माना जाता है। इस बार शुक्र ग्रह का उदय 5 जुलाई को हो रहा है, जिससे 9 जुलाई से विवाह के मांगलिक मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। ये मुहूर्त केवल 6 दिन तक रहेंगे। पंडित घनश्याम शर्मा ने बताया कि इसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी होने से मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहेंगे।
इस दौरान चातुर्मास भी शुरू होगा, जो 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी तक चलेगा। इसका मतलब है कि विवाह के लिए अगले शुभ मुहूर्त तब तक इंतजार करना पड़ेगा। पंडित शर्मा ने बताया कि जुलाई में केवल 5 दिन ही विवाह कार्यक्रम हो पाएंगे। इसकी वजह यह है कि मई और जून महीने में विवाह मुहूर्त उपलब्ध नहीं थे। इसलिए जुलाई के बाद अगले शुभ मुहूर्त नवंबर और दिसंबर में ही देखने को मिलेंगे। इस समय के दौरान 6 जुलाई से 15 जुलाई तक गुप्त नवरात्र भी आएंगे। इस अवधि में धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ के अलावा मृत्युंजय जप, हनुमान उपासना आदि कार्य होंगे।
जून में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं बने इसलिए कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार उस समय को क्षय तिथि माना गया था, जिसका सूर्योदय के साथ कोई संबंध नहीं था। इसके अलावा, दो तिथियों के सूर्योदय के संबंध से भी विवाह में अशुभता बढ़ गई थी। इस साल के विशेष परिस्थितियों में, विवाह के लिए तारीख का निर्धारण करते समय ध्यान रखें कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सही निर्णय लें। यह एक जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसे सोच-समझ कर लेना बेहद जरूरी है।
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