Edited By Yaspal,Updated: 21 Nov, 2024 06:57 PM
केंद्र ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर गुरुवार को अपने कर्मचारियों के लिए काम के अलग-अलग समय की घोषणा की। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कर्मचारियों से वाहनों में साथ...
नई दिल्लीः केंद्र ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर गुरुवार को अपने कर्मचारियों के लिए काम के अलग-अलग समय की घोषणा की। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कर्मचारियों से वाहनों में साथ आने-जाने (वाहन पूलिंग) और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को भी कहा गया है। आदेश में कहा गया, ‘‘यह सुनिश्चित करते हुए कि इसका किसी भी तरह से दक्षता और उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े, इन उपायों को मंत्रालयों/विभागों/संगठनों द्वारा अपनी कार्यात्मक आवश्यकताओं के अनुसार अपनाया जा सकता है।''
आदेश में कहा गया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित कार्यालयों के संबंध में अलग-अलग समय अपनाने की सलाह दी जाती है। आदेश में कहा गया कि कार्यालय सुबह नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक और सुबह 10 बजे से शाम साढ़े छह बजे तक खुले रह सकते हैं। इसमें कहा गया, ‘‘निजी वाहनों का उपयोग करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ‘वाहन पूलिंग' करने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।''
दिल्ली में एक सप्ताह से जारी ‘गंभीर' प्रदूषण स्तर के बाद वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन यह अब भी ‘बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 376 दर्ज किया गया। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक निकाय ने 18 नवंबर को गंभीर प्रदूषण स्तर के चलते घर से काम करने, काम के अलग-अलग समय और सभी कार्यालय भवनों में वायुशोधक लगाने की मांग की थी।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव को लिखे पत्र में सीएसएस फोरम ने कहा कि खराब वायु गुणवत्ता का कार्यस्थल उत्पादकता पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ रहा है और कर्मचारियों को श्वसन संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, थकान और सामान्य असुविधा जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं।