शेयर बाजार में मंगलवार से भूचाल तय! ये 6 बड़ी वजहें आपके पैसे डुबो भी सकती हैं और कमा भी सकती हैं, जानें सबकुछ

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 13 Apr, 2025 05:48 PM

changes in the stock market are certain from tuesday

भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते सिर्फ तीन दिन खुलेंगे क्योंकि सोमवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छुट्टी है। लेकिन इन तीन दिनों के ट्रेडिंग सेशन में ऐसा बहुत कुछ होगा जो बाजार की दिशा तय करेगा।

नेशनल डेस्क: भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते सिर्फ तीन दिन खुलेंगे क्योंकि सोमवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छुट्टी है। लेकिन इन तीन दिनों के ट्रेडिंग सेशन में ऐसा बहुत कुछ होगा जो बाजार की दिशा तय करेगा। निवेशकों को इन दिनों में होने वाले उतार-चढ़ाव का पहले से अंदाजा लगाना जरूरी है। क्योंकि इस बार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े इवेंट्स और डेटा का असर बाजार की चाल पर सीधा दिख सकता है।

1. अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर का असर पूरी दुनिया पर

अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर ने वैश्विक शेयर बाजारों में हलचल मचा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर भारी टैक्स लगाए हैं। जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ा दिया है। हालांकि ट्रंप ने 70 से ज्यादा देशों पर लगाई गई टैरिफ को फिलहाल 90 दिनों के लिए टाल दिया है। इससे ग्लोबल बाजारों को थोड़ी राहत मिली है। भारत भी इसका सीधा असर महसूस करेगा क्योंकि विदेशी निवेशक ऐसी खबरों पर तुरंत रिएक्ट करते हैं।

2. अमेरिकी शेयर बाजार से मिले पॉजिटिव संकेत

भारतीय बाजार अक्सर अमेरिकी बाजारों की चाल से प्रभावित होते हैं। शुक्रवार को अमेरिका के तीनों प्रमुख इंडेक्स अच्छी तेजी के साथ बंद हुए। डाओ जोंस 619 अंक चढ़ा, S&P 500 और नैस्डैक में भी 1.5% से ज्यादा की मजबूती आई। इसका सीधा फायदा भारतीय निवेशकों को मंगलवार के बाजार खुलते ही मिल सकता है क्योंकि पॉजिटिव सेंटिमेंट से बाजार में खरीदारी बढ़ सकती है।

3. चौथी तिमाही के नतीजों पर रहेगी पैनी नजर

इस हफ्ते 30 से ज्यादा बड़ी कंपनियों के जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजे आने वाले हैं। इनमें IREDA, Angel One, Wipro, Infosys, HDFC AMC, HDFC Life, HDFC Bank और ICICI Bank जैसे दिग्गज शामिल हैं। इन कंपनियों के प्रदर्शन पर निवेशकों की नजरें टिकी रहेंगी। खासकर आईटी और बैंकिंग सेक्टर के नतीजे यह तय करेंगे कि बाजार किस दिशा में जाएगा।

4. एफआईआई और डीआईआई का मूड भी बताएगा ट्रेंड

शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने करीब 3,700 करोड़ रुपये की खरीदारी की। यह अंतर बताता है कि घरेलू निवेशक अभी बाजार को लेकर आशावादी हैं लेकिन विदेशी निवेशकों में सतर्कता बनी हुई है। अगर आने वाले दिनों में FII की बिकवाली तेज होती है तो बाजार में गिरावट आ सकती है।

5. रुपये की चाल और डॉलर की दिशा

पिछले हफ्ते रुपये ने डॉलर के मुकाबले हल्की रिकवरी दिखाई थी और यह 86.04 पर बंद हुआ। लेकिन पूरे हफ्ते की बात करें तो यह अब भी कमजोर रहा। डॉलर इंडेक्स की कमजोरी ने रुपये को थोड़ी राहत दी है लेकिन अगर डॉलर दोबारा मजबूत हुआ तो रुपये पर दबाव बढ़ सकता है। इसका सीधा असर आयात करने वाली कंपनियों और एफआईआई के मूड पर पड़ सकता है।

6. कच्चे तेल की कीमतों में फिर तेजी

अमेरिका की ओर से ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी और तेल निर्यात को खत्म करने की योजना के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उबाल आ गया है। ब्रेंट क्रूड $64.76 के पास पहुंच चुका है जबकि WTI क्रूड $61.48 पर है। अगर क्रूड की कीमतें और चढ़ीं तो भारत में महंगाई बढ़ सकती है और शेयर बाजार पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।

टेक्निकल व्यू: 23,000 बना निफ्टी का टर्निंग पॉइंट

LKP Securities के टेक्निकल एनालिस्ट रूपक डे के मुताबिक निफ्टी फिलहाल 21-EMA के पास रेजिस्टेंस झेल रहा है। जब तक निफ्टी 23,000 के ऊपर क्लोज नहीं देता, तब तक ट्रेंड में कमजोरी बनी रहेगी। वहीं नीचे की तरफ 22,750 एक अहम सपोर्ट लेवल है। अगर यह टूटता है तो बाजार में गिरावट बढ़ सकती है। लेकिन 23,000 पार होते ही 23,500 तक की रैली देखने को मिल सकती है।

 

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