Edited By Utsav Singh,Updated: 03 Oct, 2024 09:43 PM
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर बिटिया के साथ रेप और उसकी बर्बर हत्या के मामले ने देशभर में हलचल मचाई। इस दर्दनाक घटना के बाद, छात्रों ने कॉलेज परिसर में एक स्टैच्यू स्थापित किया है, जिसका नाम ‘क्राई ऑफ द आवर्स’ रखा गया है। स्टैच्यू के...
पश्चिम बंगाल : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर बिटिया के साथ रेप और उसकी बर्बर हत्या के मामले ने देशभर में हलचल मचाई। इस दर्दनाक घटना के बाद, छात्रों ने कॉलेज परिसर में एक स्टैच्यू स्थापित किया है, जिसका नाम ‘क्राई ऑफ द आवर्स’ रखा गया है। इस स्टैच्यू का उद्देश्य उस पीड़िता की याद में है और यह उस समय की स्थिति को दर्शाता है जब वह मदद की गुहार लगा रही थी।स्टैच्यू के बारे में सोशल मीडिया पर काफी चर्चाएँ हो रही हैं। कई लोग इसे अपमानजनक और परेशान करने वाला मान रहे हैं। कुछ नेटिजन्स ने इसे हटाने की मांग की है। एक यूजर ने लिखा कि यह दृश्य बहुत दर्दनाक और डरावना है, जबकि एक अन्य ने इसे असंवेदनशील करार दिया। कुछ लोगों का मानना है कि ऐसे स्टैच्यू की स्थापना से पीड़ितों का अपमान होता है।
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राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस विवाद में तृणमूल कांग्रेस के नेता कुनाण घोष भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स का उल्लंघन है, क्योंकि पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, इस तरह की कला का प्रदर्शन भी असंवेदनशीलता का उदाहरण है। उन्होंने इस स्टैच्यू को हटाने की अपील की।
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कॉलेज प्रशासन का बचाव
हालांकि, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर देबदत्त ने इस स्टैच्यू का बचाव किया है। उनका कहना है कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा है और यह एक सांकेतिक स्टैच्यू है। उनका उद्देश्य केवल एक लड़की की पीड़ा को नहीं बल्कि उस रात की घटना को शासन-प्रशासन के सामने लाना है।
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जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन
इस बीच, जूनियर डॉक्टर एक बार फिर हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि सितंबर में सरकार ने जो वादे किए थे, उनमें कोई प्रगति नहीं हुई है। इस वजह से वे एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने का मन बना रहे हैं।
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आरजी कर मेडिकल कॉलेज में स्थापित स्टैच्यू ने समाज में संवेदनशीलता और पीड़ितों के अधिकारों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा शुरू कर दी है। इस मामले में हर कोई अपनी-अपनी राय रख रहा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।