CHEMCON-2024: रसायन अभियंता बना रहे हैं सतत और आत्म निर्भर भारत का मार्ग

Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Dec, 2024 07:02 PM

chemical engineers are paving the way for a sustainable and self reliant india

भारतीय रसायन अभियंता संस्थान (IIChE) दोआबा रीजनल सेंटर, डॉ. बी. आर. अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), जालंधर के रसायन अभियांत्रि की विभाग के तहत, "77 वीं वार्षिक सत्र" और "सतत विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रसायन अभियांत्रिकी की...

नेशनल डेस्क : भारतीय रसायन अभियंता संस्थान (IIChE) दोआबा रीजनल सेंटर, डॉ. बी. आर. अंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), जालंधर के रसायन अभियांत्रि की विभाग के तहत, "77 वीं वार्षिक सत्र" और "सतत विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रसायन अभियांत्रिकी की भूमिका" विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 27 से 30 दिसंबर 2024 तक कर रहा है। सम्मेलन के तीसरे दिन, विभिन्न उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों ने रसायन अभियांत्रिकी के उभरते रुझानों और प्रगतियों पर बहुमूल्य विचार साझा किए।

मुंबई स्थित आरती इंडस्ट्रीज के कॉर्पोरेट रिलेशन और रणनीति अध्यक्ष श्री पंकज मेहता ने भारतीय रसायन उद्योग के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने तीन मुख्य विकास कारकों पर जोर दिया : घरेलू मांग में वृद्धि, आयात प्रतिस्थापन की क्षमता, और निर्यात के अवसरों का विस्तार। आईआईटी बीएचयू, वाराणसी के प्रो. पी. के. मिश्रा ने कृषि अपशिष्ट को जैव ऊर्जा में बदलने के नवोन्मेषी तरीकों पर चर्चा की और चावल के भूसे से नैनोकैट लिस्ट के जैव निर्माण की नई विधि प्रस्तुत की।

एचएमईएल, बठिंडा के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्रीए. एस. बसुनेसतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप पेट्रोलियम रिफाइनरियों को उन्नत बनाने में रसायन अभियंताओं की भूमिका को रेखांकित किया। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के सीनियर फेलो डॉ. गौतम दल पति ने सिलिकॉन-आधारित फोट ovoltaic डिवाइस, हाइड्रोजन ऊर्जा, और स्वच्छ और सतत ऊर्जा समाधानों के लिए ऊर्जा बचाने वाले को टिंग्स पर एक सत्र प्रस्तुत किया।

आदित्य बिड़ला ग्रुप, मुंबई के बिड़ला वाइट केसीई ओश्री आशीष द्विवेदी ने उन्नत सामग्रियों जैसे नैनो मटीरियल्स, बायो डिग्रेडेबल और स्व-हीलिंग मटीरियल्स, बायो प्लास्टिक्स, बायो मिमेटिक डिज़ाइन्स, और पुनर्जनन योग्य सामग्रियों पर अपने विचार साझा किए।

इस दिन का मुख्य आकर्षण "आत्मनिर्भर भारत की प्राप्ति में नवाचार और उद्यमिता की भूमिका" विषय पर एक सजीव पैनल चर्चा रही। इसमें विशेषज्ञों ने भारत की आत्मनिर्भरता और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के महत्व पर चर्चा की।

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