Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Jan, 2025 12:20 PM
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तामिलनाडु के सैदपेट में हुई एक दिलचस्प और हैरान करने वाली घटना में दहेज के लालच ने एक शादी को सिर्फ तीन दिनों में तोड़ दिया। 3 फरवरी 2006 को धूमधाम से हुई शादी के बाद दूल्हे और उसके परिवार ने दुल्हन के माता-पिता से अतिरिक्त 30 सोने के सिक्कों की...
नेशनल डेस्क: तामिलनाडु के सैदपेट में हुई एक दिलचस्प और हैरान करने वाली घटना में दहेज के लालच ने एक शादी को सिर्फ तीन दिनों में तोड़ दिया। 3 फरवरी 2006 को धूमधाम से हुई शादी के बाद दूल्हे और उसके परिवार ने दुल्हन के माता-पिता से अतिरिक्त 30 सोने के सिक्कों की मांग की। इस धोखाधड़ी को देख दुल्हन ने इसे सहन नहीं किया और तुरंत शिकायत दर्ज करा दी।
दूल्हे की मनमानी पर कार्रवाई
दुल्हन की शिकायत के बाद मामला अदालत में गया और न्यायालय ने दूल्हे को दोषी ठहराया। उसे दहेज निवारण अधिनियम के तहत सजा दी गई, और साथ ही 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इस मामले में न्यायालय ने यह भी कहा कि दूल्हे को तीन महीने तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि, उच्च न्यायालय ने सजा में कमी की और उसे दो साल की सजा दी।
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न्यायालय का फैसला, दूल्हे को हर्जाना भरने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में अपनी बात रखी और दूल्हे को तीन लाख रुपये की राशि दुल्हन को चार सप्ताह के अंदर देने का आदेश दिया। दूल्हे के लिए यह एक कड़ा संदेश था। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब दोनों अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ चुके हैं, क्योंकि दुल्हन ने दूसरी शादी कर ली है और विदेश में बस गई है।
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आखिरकार दुल्हन को मिला न्याय
यह कहानी समाज में चल रही दहेज प्रथा और उससे होने वाले उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ा संदेश देती है। दुल्हन ने अपनी पढ़ाई और समझ से न केवल अपनी सुरक्षा की बल्कि अपने हक के लिए भी लड़ाई लड़ी। इस पूरे मामले में न्यायालय ने यह साबित किया कि दहेज की मांग करने वालों को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए और महिलाएं किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाएं।