चेन्नईः घर ढहाए जाने के विरोध में युवक ने किया आत्मदाह, BJP ने स्टालिन सरकार पर साधा निशाना

Edited By Yaspal,Updated: 05 Jul, 2024 07:26 AM

chennai youth commits suicide in protest against demolition of his house

तमिलनाडु में एक युवक ने गुरुवार को तिरुवल्लूर जिले में गुम्मिदीपोंडी के पास नेताजी नगर में अपने घर को ढहाए जाने के विरोध में राजस्व विभाग कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लिया जिससे वह 50 प्रतिशत झुलस गया

नेशनल डेस्कः तमिलनाडु में एक युवक ने गुरुवार को तिरुवल्लूर जिले में गुम्मिदीपोंडी के पास नेताजी नगर में अपने घर को ढहाए जाने के विरोध में राजस्व विभाग कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लिया जिससे वह 50 प्रतिशत झुलस गया। पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस तोड़फोड़ की निंदा की। अधिकारियों ने तोड़फोड़ अभियान शुरू कर दिया है और नेताजी नगर में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके कथित रूप से निर्मित आवासीय संपत्तियों को हटाने का काम चल रहा है।

पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों की एक टीम आदि द्रविड़ और आदिवासी विभाग से संबंधित सरकारी भूमि पर लगभग 50 घरों को ढहाने में शामिल थी। महिलाओं सहित स्थानीय लोगों के विरोध के बीच तोड़फोड़ अभियान चलाया गया। तोड़फोड़ से परेशान युवक राजकुमार राजस्व विभाग के कार्यालय गया और उसके सामने खुद को आग लगा ली। वह 50 प्रतिशत से अधिक जल गया और उसे तिरुवल्लूर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे उन्नत उपचार के लिए चेन्नई के सरकारी किलपौक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। घटना के बाद इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।

अधिकारियों ने दो महीने पहले ने एक नोटिस लगाया था जिसमें कहा गया था कि यह जमीन सरकार की है और लाभार्थियों को मुफ्त घर बनाने के लिए आवंटित की गई थी और किसी को भी घर नहीं बनाना चाहिए। अगर कोई मकान बना भी है तो सख्त चेतावनी देने के अलावा यह भी कहा कि सरकार नियमों के मुताबिक जमीन वापस ले सकती है।

इस बीच पीएमके संस्थापक डॉ. एस. रामदास और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मकान ढहाने की निंदा की और आत्मदाह की घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई की मांग की। डॉ. रामदास ने यहां एक बयान में कहा कि राजकुमार ने पट्टा भूमि पर मकान बनाया है। उन्होंने कहा कि हजारों एकड़ सरकारी जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है और उन्हें बेदखल करने के लिए कोई कारर्वाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि पट्टा भूमि पर बने मकानों को ढहाने के लिए अधिकारियों को किसने उकसाया।


डॉ. रामदास ने कहा,‘‘इस घटना से पता चलता है कि सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) शासन में केवल अमीर लोग ही रह सकते हैं और गरीब लोग नहीं रह सकते।‘'उन्होंने सरकार से राजकुमार को बेहतर इलाज मुहैया कराने और घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई करने की अपील की। घटना की निंदा करते हुए अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि गुम्मिदीपोंडी में एक युवक ने सरकारी अधिकारियों को पट्टा भूमि पर बने अपने घर को गिराने से रोकने के लिए आत्मदाह करने की कोशिश की।

अन्नामलाई ने पोस्ट किया,‘‘डीएमके शासन में रियल एस्टेट के बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लाभ और अभूतपूर्व विशेषाधिकार प्राप्त हैं, जबकि आम लोगों के घरों को अवैध निर्माण बताकर गिराया जा रहा है।‘‘ उन्होंने कहा,‘‘चेन्नई के पास गुम्मिडीपूंडी में एक युवक ने पट्टा भूमि पर बने अपने घर को सरकारी अधिकारियों द्वारा गिराए जाने से रोकने के लिए आत्मदाह करने की कोशिश की।‘‘

 

 

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