छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, पटना से लेकर दिल्ली तक घाटों पर नजर आई रौनक

Edited By Yaspal,Updated: 07 Nov, 2024 11:24 PM

chhath devotees offered prayers to the setting sun

छठ पूजा के तीसरे दिन गुरुवार को लाखों श्रद्धालु दिल्ली के सैकड़ों घाटों पर एकत्र हुए और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ पूजा के अनुष्ठानों में दूध, जल, ठेकुआ और पांच प्रकार के मौसमी फल अर्पित किए जाते हैं, जिसमें गन्ना अनिवार्य रूप से शामिल...

नई दिल्लीः छठ पूजा के तीसरे दिन गुरुवार को लाखों श्रद्धालु दिल्ली के सैकड़ों घाटों पर एकत्र हुए और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ पूजा के अनुष्ठानों में दूध, जल, ठेकुआ और पांच प्रकार के मौसमी फल अर्पित किए जाते हैं, जिसमें गन्ना अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस उत्सव में भाग लिया, जिसे मुख्य रूप से दिल्ली के पूर्वांचली समुदाय द्वारा मनाया जाता है। इस समुदाय में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के निवासी शामिल हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने गिरि नगर के बालमुकुंद खंड में पूजा में भाग लिया और श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं दीं।

आतिशी ने कहा, ‘‘हर साल, दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करती है कि पूर्वांचल के लोग दिल्ली में अपने घर जैसा महसूस करें और पूरे रीति-रिवाजों के साथ छठ पूजा कर सकें।'' आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किदवई नगर के एक घाट पर पूजा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल शहर में 1,800 स्थानों पर पूजा घाट बनाए हैं, जो 2015 के 250 से भी कम स्थानों से काफी अधिक है।

भाजपा नेताओं ने भी इस उत्सव में हिस्सा लिया। नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज ने चिराग दिल्ली के पास सतपुला डीडीए पार्क में संध्या अर्घ्य दिया और प्रार्थना की कि सूर्य देव और छठी मैया लोगों को आशीर्वाद देते रहें। उत्तर-पूर्व दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने अपने आवास पर छठ पर्व मनाया। उन्होंने पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण यमुना नदी के घाट पर अर्घ्य देने पर प्रतिबंध लगाये जाने पर खेद व्यक्त किया और नदी तट पर छठ अनुष्ठानों को प्रतिबंधित करने में ‘‘अदालतों और उच्च पदों पर आसीन कुछ लोगों'' की भूमिका का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों की जिद के कारण हम यमुना में अर्घ्य नहीं दे सके, लेकिन इसके बावजूद छठ उत्सव नहीं रुकेगा।''

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को यमुना नदी के उच्च प्रदूषण स्तर तथा विषैले झाग और प्रदूषकों के कारण श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए चिंता का हवाला देते हुए नदी तट पर छठ अनुष्ठान आयोजित नहीं करने का आदेश जारी किया था। फिर भी, प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की परवाह किए बिना श्रद्धालु कालिंदी कुंज स्थित यमुना घाट पर एकत्र हुए। यमुना तट के निकट त्योहार मना रहे दिल्ली प्रदेश छठ पूजा समिति के प्रभात त्रिपाठी ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, ‘‘हमने इलाके में अवरोधक लगाये हैं ताकि कोई भी नदी तट पर न जाए।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह दिल्ली का पश्चिमी आईटीओ घाट है, जहां यह उत्सव मनाया जा रहा है। हम पिछले 10 वर्षों से इस क्षेत्र में उत्सव का आयोजन कर रहे हैं। पूर्वांचल क्षेत्र के लोग यहां एकत्र हुए हैं। हमने कई व्यवस्थाएं की हैं।'' गीता कॉलोनी में श्रद्धालु सड़कों पर उतर आए, क्योंकि वे इस बात को लेकर निराश थे कि छठ पूजा के लिए खास तौर पर तैयार किए गए कुछ कृत्रिम घाटों में पानी नहीं था।

उत्सव में शामिल हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया छठ का त्योहार मना रही है। छठ पूजा सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा है।'' दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी सेक्टर 18 स्थित सूरज पार्क में छठ महापर्व में शामिल होकर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। गुप्ता ने श्रद्धालुओं के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर असंतोष जताया।

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव आईटीओ घाट पर छठ पूजा में शामिल हुए और उन्होंने श्रद्धालुओं से वादा किया कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर, यहां पूर्वांचलियों की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए छठ घाटों को और बेहतर सुविधाओं के साथ विस्तारित किया जाएगा। दिल्ली में छठ पूजा का महत्व बढ़ गया है, खासकर इसलिए कि शहर के मतदाताओं में पूर्वांचली समुदाय की हिस्सेदारी करीब 30-40 प्रतिशत है। अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह काफी मायने रखता है।

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