Edited By Yaspal,Updated: 09 Sep, 2024 07:47 PM
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई नगर निगम में अवैध कब्जाधारियों पर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाने के लिए बुल्डोजर कार्रवाई की। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को मस्जिद परिसर की जमीन कब्जा मुक्त कराई गई।
रायपुरः छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई नगर निगम में अवैध कब्जाधारियों पर प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाने के लिए बुल्डोजर कार्रवाई की। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को मस्जिद परिसर की जमीन कब्जा मुक्त कराई गई। जोन 3 कर्बला मस्जिद कमेटी को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के कार्यकाल में भूमि आवंटित की गई थी। आरोप है कि लगभग 2।5 एकड़ भूमि पर दुकानें और मैरिज हॉल बनाकर व्यवसाय में लगा दिया गया। नगर निगम प्रशासन की तरफ से अवैध निर्माण हटाने के लिए मस्जिद कमेटी को नोटिस दिया गया था।
दरअसल, जोन-3 करबला मस्जिद कमेटी को साडा(विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के तहत छोटी-सी भूमि मस्जिद बनाने के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन आरोप है कि स्थानीय लोगों ने कमेटी के साथ मिलकर करीब 2।5 एकड़ जमीन पर सैकड़ों दुकानें और कई मैरिज हाल बना लिए। जिसे आज पुलिस-प्रशासन समेत भिलाई नगर निगम की टीम ने ध्वस्त कर दिया।
भिलाई नगर निगम आयुक्त देवेश ध्रुव का अधिकारियों को अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वालों पर शिकंजा कसने का सख्त आदेश है। निगम उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने कहा कि लंबे समय से मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण के जरिये व्यवसाय की शिकायत मिल रही थी।
अफसरों ने इस कार्रवाई को लेकर क्या कहा?
मौके पर भिलाई के SDM और तहसीलदार समेत भारी पुलिस बल की मौजूदगी में नगर निगम ने सुबह पांच बजे से कार्रवाई शुरू की और 100 से ज्यागा दुकानों को जमींदोज कर दिया। अफसरों ने बताया, "स्पेशल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (SADA) ने करबला कमेटी को मस्जिद बनाने के लिए 500-800 वर्ग फीट जमीन दी थी। आरोप है कि कमेटी ने ढाई एकड़ जमीन पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा किया गया है। इस अवैध कब्जे वाली जमीन पर दुकानें, मजार और शादी घर का निर्माण किया गया है निगम उपायुक्त ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई कभी भी हो सकती है। आज की कार्रवाई में करीब 50 अवैध कब्जे को बुलडोजर चलाकर मुक्त कराया गया। लोगों के बवाल को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। नगर निगम की कार्रवाई से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
अदालत ने नगर निगम को 120 दिनों का दिया था वक्त
बता दें, अवैध कब्जे को लेकर बीते दिनों हाई कोर्ट में पिटीशन दायर की गई थी। इसके बाद अदालत ने दुर्ग कलेक्टर को 120 दिन में फैसला लेने का वक्त दिया था। निगम आयुक्त ने तीन दिन पहले कब्जाधारियों को इस संबंध में नोटिस भी जारी किया था। अफसरों ने बताया कि नोटिस देने के बाद भी कब्जा नहीं हटाया गया।
57 सालों से करबला कमेटी है इस जमीन पर कब्जा
बुलडोजर सिर्फ दुकानों पर ही नही बल्कि मस्जिद के बाहर स्थित मुस्लिम समुदाय के आस्था के केंद्रों में से एक करबला भी नहीं बख्शा और बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। दूसरी तरफ, करबला कमेटी का आरोप है कि ये सारी जमीनें वो सन 1957 इस्तेमाल कर रही है। लेकिन साडा के आने के बाद इन सारी जमीनों पर सरकार का कब्जा हो गया। इसके बाद कोर्ट के जरिए साल 1992 में मुस्लिम समुदाय को 72 डिसमिल जमीन मस्जिद बनाने के लिए दी गई।
करबला कमेटी लगाया ये आरोप
मुसलामनों ने बताया कि यहां पर सारी दुकानें 15 साल पहले बनी है। अगर ये गैर-कानूनी थी तो पहले इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? करबला कमेटी ने आरोप लगाया निगम कमिश्नर पर आरोप लगाया कि दुकान खाली करने के लिए वक्त नहीं दिया गया और सराकरी नोटिस को तीन बाद उस वक्त दिया गया जब सरकारी दफ्तरें शनिवार और रविवार को बंद थी। जबकि निगम को नोटिस 4 तारीख को ही मिल गई थी, लेकिन निगम ने करबला को कमेटी को 7 सितंबर को दिया। ताकि करबला कमेटी सरकारी दरवाजा नहीं खटखटा सके।