Edited By Archna Sethi,Updated: 25 Feb, 2025 08:29 PM
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पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने पर बरसे मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 25 फरवरी (अर्चना सेठी) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने और पंजाब के विकास व प्रगति में बाधाएं डालने की कोशिशों की कड़ी निंदा की।
पंजाब विधानसभा के सत्र में भाग लेते हुए आरडीएफ (रूरल डेवलपमेंट फंड) के फंड रोकने का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र सरकार के पंजाब और पंजाबियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ती, और हाल ही में अमेरिका से निर्वासित लोगों (डिपोर्टीज) को लेकर अमृतसर में उतरे विमान की घटना इसका ताजा उदाहरण है, जबकि उनमें से अधिकतर लोग अन्य राज्यों से थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने इस मामले का कड़ा विरोध किया था क्योंकि इस जहाज को बिना किसी ठोस कारण पंजाब में उतारा गया, जिसका एकमात्र उद्देश्य राज्य की छवि खराब करना था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर जा रहे विमान को हिंडन एयरबेस पर उतारा जा सकता है, तो अमेरिका से आए इस विमान को देश के किसी अन्य हिस्से में क्यों नहीं ले जाया गया? भगवंत सिंह मान ने कहा कि अवैध इमिग्रेशन (गैरकानूनी प्रवास) केवल पंजाब की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय समस्या है, लेकिन इसे इस तरह प्रस्तुत किया जा रहा है मानो केवल पंजाब इससे बुरी तरह प्रभावित है, इसलिए सिर्फ पंजाबियों को ही अमेरिका से वापस भेजा गया। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रति इस तरह का रवैया असहनीय, अनुचित और अन्यायपूर्ण है, लेकिन हम पंजाब के सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि पंजाब ने देश की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 80% से अधिक शहीद या निर्वासित होने वाले क्रांतिकारी इसी राज्य से थे। उन्होंने कहा कि पंजाब भारत का अन्नदाता है, जिसके मेहनती किसानों ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब भिखारी नहीं है और हम जानते हैं कि अपने अधिकार कैसे लेने हैं, जिसके लिए पूरी ताकत से संघर्ष किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत, राज्य सरकार ने निजी कंपनी जीवीके पावर से गोइंदवाल पावर प्लांट खरीदकर एक नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि पहली बार यह उल्टी दिशा में बदलाव हुआ है, जब किसी सरकार ने कोई निजी पावर प्लांट खरीदा है, जबकि पहले राज्य सरकारें अपनी संपत्तियां अपनों को सस्ते दामों पर बेचती थीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने इस पावर प्लांट का नाम सिखों के तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास जी के नाम पर रखा है।