मुख्यमंत्री मोहन माझी का दावा- मैं भी चिटफंड घोटाले का पीड़ित, लोगों से की ये अपील

Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Dec, 2024 09:10 PM

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ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को दावा किया कि वह भी ‘चिटफंड' घोटाले के पीड़ित हैं और उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह अपनी मेहनत की कमाई को बचाने के लिए ‘पोंजी कंपनियों' की गतिविधियों को लेकर सतर्क रहें। यहां राज्य स्तरीय राष्ट्रीय...

नेशनल डेस्क: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को दावा किया कि वह भी ‘चिटफंड' घोटाले के पीड़ित हैं और उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह अपनी मेहनत की कमाई को बचाने के लिए ‘पोंजी कंपनियों' की गतिविधियों को लेकर सतर्क रहें। यहां राज्य स्तरीय राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए माझी ने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं भी ‘चिटफंड' घोटाले का पीड़ित हूं। 1990 और 2002 में दो कंपनियों ने मेरे साथ ठगी की थी।''

उन्होंने कहा कि वह अपना धन वापस नहीं पा सके क्योंकि पैसा वसूली की प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल थी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने दो 'पोंजी' फर्म में किया गया गया निवेश गंवा दिया। अपना अनुभव बताते हुए माझी ने कहा कि वे ‘पोंजी फर्म' के ‘एजेंट' की मीठी बातों में आ गए और उन्होंने कुछ योजनाओं में जमा करने के लिए रुपयों का इंतजाम कर लिया। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जब परिपक्वता का समय आया तो मुझे वह कंपनियां मिली ही नहीं जिनमें रुपये जमा किए गए थे।''

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि अब काफी बदलाव आ चुका है, क्योंकि केंद्र ने उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी तथा ठगी रोकने के लिए नियम बनाए हैं और उन्हें मजबूती प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने चिट फंड योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 2019 में चिट फंड अधिनियम, 1982 में संशोधन करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने उल्लेख किया कि संशोधित कानून ने पिछले अधिनियम की खामियों को दूर किया है। ओडिशा में करीब 70 लाख लोगों को कथित तौर पर 'पोंजी' फर्म ने ठगा है।

मई 2014 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कम से कम 44 फर्म की जांच की, जिनमें कोलकाता स्थित शारदा समूह और ओडिशा स्थित सीशोर और अर्थ तत्व समूह शामिल हैं। इन 'पोंजी' फर्म ने कथित तौर पर चार वर्षों में राज्य के लोगों से करीब 4,600 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों से पहले नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली तत्कालीन बीजद सरकार ने एक आयोग का गठन किया और ठगे गए छोटे जमाकर्ताओं को धन वापस करने के लिए 300 करोड़ रुपये का कोष बनाया। न्यायमूर्ति एमएम दास की अध्यक्षता वाले आयोग ने लगभग एक लाख छोटे जमाकर्ताओं की पहचान की, जिन्होंने 10,000 रुपये या उससे कम का नुकसान हुआ था।

विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में माझी ने बताया कि लगभग दो लाख छोटे निवेशकों को पहले ही उनका पैसा वापस मिल चुका है। ओडिशा ख्यातिग्रथ जमाकारी मिलिशिया मंच के संयोजक जयंत दास ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि विभिन्न 'पोंजी' फर्म द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं का पैसा वापस करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि वह चिटफंड प्रभावित लोगों का पैसा 18 महीने के भीतर वापस कर देगी। हालांकि, आवास एवं शहरी विकास मंत्री केसी महापात्रा ने आश्वासन दिया कि भाजपा सरकार अपना वादा पूरा करेगी और आने वाले दिनों में जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।

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