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मुख्यमंत्री की गारंटी- कोई रिश्वत मांगने की हिम्मत नहीं करेगा*

Edited By Archna Sethi,Updated: 23 Apr, 2025 08:11 PM

chief minister s guarantee no one will dare to ask for bribe

मुख्यमंत्री की ठेकेदारों को गारंटी- अब कोई रिश्वत मांगने की हिम्मत नहीं करेगा*

चंडीगढ़, 23 अप्रैल (अर्चना सेठी) उच्च गुणवत्ता वाली लिंक सड़कों के निर्माण परियोजना को लागू करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए लिंक सड़कों की परियोजना का शुभारंभ किया।  आज यहां स्थानीय टैगोर थिएटर में 'सड़क ढांचा विकास मिलनी' के दौरान संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 64,878 किलोमीटर लिंक सड़कें हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा 18,944 किलोमीटर लिंक सड़कों के नवीनीकरण और उन्नयन की परियोजना शुरू की जा रही है, जिस पर 3,459.95 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।  
 

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस मिलनी का मुख्य उद्देश्य लोगों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करना है, क्योंकि ये लिंक सड़कें लोगों की जीवन रेखा मानी जाती हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लिंक सड़कें प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्योंकि ये सड़कें जहां ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की मदद करती हैं, वहीं व्यापार और कारोबार को बढ़ावा देती हैं। भगवंत सिंह मान ने बताया कि इनमें से कई सड़कें ऐसी हैं, जो छह साल का निर्धारित समय बीत जाने के बावजूद नहीं बन पाई थी। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण करने वाली कंपनी या ठेकेदार अगले पांच साल तक इन सड़कों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे।  


पिछले समय में सड़क निर्माण में फैले भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रथा पूरी तरह अनुचित थी। उन्होंने कहा कि पहले सड़क निर्माण के टेंडर में ऊपर से लेकर नीचे तक 'हिस्सेदारी' होती थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी खराब स्थिति में ठेकेदारों को मजबूरन सड़कों की गुणवत्ता से समझौता करना पड़ता था।  मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह भ्रष्ट प्रथा खत्म हो गई है, इसलिए ठेकेदारों को निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान देना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा, "मुझसे पहले सत्ताधारियों ने लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि वे केवल अपने रिश्तेदारों की बात सुनते थे।" मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें जमीनी स्तर का पूरा ज्ञान है। उन्होंने घोषणा की कि मंडी बोर्ड, लोक निर्माण विभाग और ठेकेदारों के बीच एक समन्वय कमेटी बनाई जाएगी, ताकि सड़क निर्माण में सभी मुद्दों का समाधान किया जा सके।  
 

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई अधिकारी भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ठेकेदारों से सेवा भावना के साथ सड़कें बनाने का आग्रह किया, क्योंकि ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवन रेखा हैं। भगवंत सिंह मान ने पंचायतों से अपील की कि वे इन सड़कों का निर्माण निर्धारित मापदंडों के अनुसार करने के लिए सड़कों की निर्धारित चौड़ाई सुनिश्चित करें।  
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार उनकी सरकार ने राज्य सरकार के कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू किया है। उन्होंने कहा कि लिंक सड़कों के सर्वे में इसकी मदद से सरकार ने 226.89 करोड़ रुपए की बचत की, क्योंकि 540 किलोमीटर ऐसी सड़कें सामने आईं जो केवल कागजों पर थी, जबकि जमीनी स्तर पर नहीं थी। उन्होंने कहा कि सड़कें बनाने से पहले सीवरेज सिस्टम और तार बिछाने का काम पूरा कर लिया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सड़क निर्माण की सही गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करने के लिए तीसरे पक्ष से वित्तीय ऑडिट करवाया जाएगा।  
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खनन के लिए उपयोग होने वाली 78 लिंक सड़कों की चौड़ाई को 10 फीट से बढ़ाकर 18 फीट करने का फैसला लिया है, और इन 389.17 किलोमीटर सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण पर 266.27 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि प्रदेश के मंडी ढांचे को देश भर में सबसे बेहतर माना जाता है। भगवंत सिंह मान ने दुख के साथ कहा कि केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास फंड के तहत 6,857 करोड़ रुपए के फंड रोक दिए हैं, क्योंकि पिछली सरकार ने इस योजना के तहत फंड का कहीं और उपयोग कर लिया था।  
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की पैरवी भारत सरकार के समक्ष जोरदार तरीके से की जा रही है, जिसने मंडी विकास शुल्क को भी 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है। नहरी पानी के महत्व का उल्लेख करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि जब उन्होंने पदभार संभाला था, तब प्रदेश में सिंचाई के उद्देश्यों के लिए केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग हो रहा था। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि आज 75 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई के लिए उपयोग हो रहा है, और इसे 80 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है।  
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पदभार संभालने के बाद प्रदेश में 15,947 नहरों को पुनर्जनन किया है, जिसके कारण दूर-दराज के गांवों में भी पानी टेल तक पहुंच गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को पुनर्जनन करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले अपने बच्चे को सरकारी स्कूल भेजना आम आदमी की मजबूरी थी, लेकिन अब शिक्षा प्रणाली को नया रूप दिया जा रहा है, इसलिए अब बच्चे को सरकारी या निजी स्कूल में पढ़ाना माता-पिता की मर्जी होगी।  
 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश में अपनी तरह की अनूठी पहल की है, जिसके तहत प्रदेश और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और कीमती जिंदगियां बचाने के लिए समर्पित रूप से 'सड़क सुरक्षा फोर्स' का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से प्रशिक्षित, नव भर्ती किए गए 1,597 कर्मचारी, जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं, इस बल की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम कर रहे हैं, जिन्हें पूरी तरह से सुसज्जित 144 वाहन प्रदान किए गए हैं। पिछले साल फरवरी में इसकी शुरुआत के बाद से प्रदेश में हादसों के कारण होने वाली मौतों में 48.10 प्रतिशत की कमी आई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई अन्य राज्यों और यहां तक कि भारत सरकार ने भी राज्य सरकार के इस अनूठे प्रयास की सराहना की है।  

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