Edited By Harman Kaur,Updated: 24 Sep, 2024 01:39 PM
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से 17 साल पहले एक बच्चे का अपहरण हुआ था और अब उस बच्चे ने वकील बनकर अपने किडनैपर्स को सजा दिलाई है। यह कहानी किसी फिल्म की नहीं, बल्कि सच में हुई एक घटना है। जी हां, छह साल की उम्र में किडनैप हुए हर्ष ने बड़ा होकर वकील बनकर...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से 17 साल पहले एक बच्चे का अपहरण हुआ था और अब उस बच्चे ने वकील बनकर अपने किडनैपर्स को सजा दिलाई है। यह कहानी किसी फिल्म की नहीं, बल्कि सच में हुई एक घटना है। जी हां, छह साल की उम्र में किडनैप हुए हर्ष ने बड़ा होकर वकील बनकर अपने अपहरणकर्ताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्हें सजा दिलवाई। हर कोई हर्ष की हिम्मत को दाद दे रहा है।
दरअसल, 10 फरवरी, 2007 में धौलपुर के पास मथुरा के खेरागढ़ इलाके में एक वकील रवि गर्ग अपने भाई और 6 साल के बेटे हर्ष के साथ एक दुकान पर थे। तभी चंबल के डकैत गुड्डन और राजकुमार अपने साथियों के साथ वहां आए और फायरिंग करने लगे। इसी दौरान, उन्होंने हर्ष का अपहरण करने की योजना बनाई।
डकैतों ने हर्ष को उसके पिता रवि से छीनने की कोशिश की, जिसमें रवि को गोली लग गई। हर्ष लगभग बीस दिन तक डकैतों के पास रहा, लेकिन मथुरा पुलिस ने उसे सुरक्षित छुड़ा लिया। इस घटना के बाद रवि लंबे समय तक अस्पताल में रहे। हर्ष ने तय किया कि वह बड़े होकर डकैतों को सबक सिखाएगा।
हर्ष ने बारहवीं कक्षा के साथ वकील बनने की पढ़ाई शुरू की। वकील बनने के बाद, उसने अपने केस के लिए खुद पैरवी करना शुरू किया। हाल ही में, अदालत ने दोनों डकैतों और उनके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह कहानी हर्ष की हिम्मत और न्याय की जीत की मिसाल है।
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