Edited By Mahima,Updated: 11 Sep, 2024 09:55 AM
ऑस्ट्रेलिया की सरकार सोशल मीडिया पर बच्चों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने घोषणा की है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर लॉग इन करने के लिए...
नेशनल डेस्क: ऑस्ट्रेलिया की सरकार सोशल मीडिया पर बच्चों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने घोषणा की है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर लॉग इन करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 14 से बढ़ाकर 16 वर्ष करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके लिए फैडरल कानून में बदलाव किए जाएंगे।
आयु सीमा और एज वेरिफिकेशन
प्रधानमंत्री अल्बनीस का कहना है कि उनकी प्राथमिकता 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को रोकना है। अगले कुछ महीनों में आयु सत्यापन (एज वेरिफिकेशन) के उपाय लागू किए जाएंगे। हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन आयु सीमा को प्रभावी ढंग से लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अल्बनीस ने कहा कि वे चाहते हैं कि बच्चे अपने डिवाइस से दूर जाकर फुटबॉल मैदानों, स्विमिंग पूल्स और टेनिस कोर्ट्स पर जाएं और वास्तविक अनुभव प्राप्त करें, क्योंकि सोशल मीडिया का सामाजिक प्रभाव हानिकारक हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया के कंजर्वेटिव विपक्षी नेता पीटर डटन ने प्रधानमंत्री अल्बनीस के प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया के गलत प्रभावों से बचाने के लिए इस आयु सीमा में देरी नहीं होनी चाहिए। डटन ने इसे एक जरूरी कदम बताया, जो बच्चों को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रखेगा।
ऑस्ट्रेलिया सरकार के इस कदम का उद्देश्य
हालांकि, मेलबर्न विश्वविद्यालय के कंप्यूटिंग और आईटी के सहयोगी प्रोफेसर टोबी मरे ने चेतावनी दी है कि आयु सत्यापन की तकनीक अभी भी प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि मौजूदा आयु सत्यापन विधियाँ पर्याप्त नहीं हैं और नई तकनीकों की आवश्यकता है। ऑस्ट्रेलिया सरकार के इस कदम का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के संभावित हानिकारक प्रभावों से बचाना है और उन्हें वास्तविक जीवन के अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। यह प्रस्ताव अभी अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा में है, और इसके प्रभावी होने से पहले तकनीकी और कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।