बच्चों की सुरक्षा और डेटा उल्लंघन से बचाव, सरकार ने जारी किया Data Protection Rules 2025

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Jan, 2025 04:44 PM

children on social media breach draft data protection rules 2025

सरकार ने बच्चों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षा उपायों को लेकर एक नया मसौदा नियम जारी किया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा 3 जनवरी 2025 को प्रकाशित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा...

नेशनल डेस्क: सरकार ने बच्चों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षा उपायों को लेकर एक नया मसौदा नियम जारी किया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा 3 जनवरी 2025 को प्रकाशित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा नियम, 2025 का उद्देश्य बच्चों के डेटा को सुरक्षित करना है। ये नियम डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा अधिनियम, 2023 के तहत आए हैं, जिसे अगस्त 2023 में संसद ने मंजूरी दी थी।

माता-पिता की सहमति जरूरी

मसौदा नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन सेवाओं के प्लेटफ़ॉर्म को बच्चों के व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करने से पहले माता-पिता से स्पष्ट सहमति प्राप्त करनी होगी। इसका मतलब है कि यदि कोई बच्चा ऑनलाइन खाता बनाना चाहता है, तो उसे यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह सच में एक बच्चा है, प्लेटफ़ॉर्म को अपने माता-पिता से अनुमति लेनी होगी।

इसमें बच्चों के डेटा की सुरक्षा के लिए माता-पिता की पहचान की सत्यापन प्रक्रिया को भी अनिवार्य किया गया है। डेटा फ़िड्युसरी (व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा करने वाले संगठन) को यह सुनिश्चित करना होगा कि माता-पिता की पहचान और उम्र की जानकारी पूरी तरह से सत्यापित हो, ताकि बच्चों के डेटा को सुरक्षित रूप से संसाधित किया जा सके।

राज्य का व्यक्तिगत डेटा प्रसंस्करण

इसके अलावा, राज्य संस्थाओं को भी व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करते समय कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करने की आवश्यकता होगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक क्षेत्र में डेटा का सही और सुरक्षित तरीके से उपयोग हो।

सुरक्षा उपाय और उल्लंघन की रिपोर्टिंग

मसौदा नियमों में यह भी कहा गया है कि यदि किसी डेटा फ़िड्युसरी के द्वारा उल्लंघन होता है, तो उसे तुरंत प्रभावित व्यक्तियों को सूचित करना होगा। उल्लंघन की रिपोर्ट में घटना की पूरी जानकारी, संभावित परिणाम और जो उपाय किए गए हैं, वे शामिल होने चाहिए। इसके अलावा, उसे एक निश्चित समय सीमा में उल्लंघन की रिपोर्ट नियामक बोर्ड को भी करनी होगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।

डेटा प्रतिधारण नीति

नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि व्यक्तिगत डेटा को किसी उद्देश्य के लिए एकत्र किया गया है, तो उसे उस उद्देश्य की समाप्ति के बाद तुरंत मिटा देना होगा। यह नीति संगठन को उनके डेटा प्रतिधारण प्रथाओं की नियमित समीक्षा करने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे अनावश्यक डेटा को लंबे समय तक न रखा जाए।

आपत्तियाँ और सुझावों की माँग

सरकार ने इस मसौदे पर हितधारकों से 18 फरवरी 2025 तक आपत्तियाँ और सुझाव देने का अनुरोध किया है, ताकि किसी भी खामी को सुधारा जा सके और इन नियमों को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

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