Edited By Tanuja,Updated: 18 Dec, 2024 04:47 PM
चीन की भारत के खिलाफ साजिश का बड़ा खुलासा हुआ। सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, चीन ने पिछले आठ वर्षों में भूटान की पारंपरिक जमीन पर कम से कम 22 गांव...
International Desk: चीन की भारत के खिलाफ साजिश का बड़ा खुलासा हुआ। सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, चीन ने पिछले आठ वर्षों में भूटान की पारंपरिक जमीन पर कम से कम 22 गांव और बस्तियां बनाई हैं। इनमें से *8 गांव 2020 के बाद से डोकलाम पठार के पास बने हैं , जो रणनीतिक रूप से बेहद अहम माने जाते हैं। इन गांवों में सबसे बड़ा गांव जीवू (Jiwu है, जिसे भूटान के पारंपरिक चरागाह त्सेथांगखा (Tshethang-kha) में बनाया गया है। यह क्षेत्र भूटान के पश्चिमी हिस्से में स्थित है, जहां चीन ने दावा किया है। इन बस्तियों में 12 सार्वजनिक इमारतें और 330 आवासीय इकाइयां बनाई गई हैं। यह गांव ऐसी जगहों पर बनाए गए हैं जो या तो किसी घाटी में हैं या किसी ऐसी चोटी पर हैं जो घाटी पर नजर रखती है। कई गांवों के पास चीनी सैन्य चौकियां और बेस भी मौजूद हैं।
चीन की यह गतिविधि नई दिल्ली के रणनीतिकारों को चिंतित कर रही है, क्योंकि यह सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) के लिए खतरा बढ़ा सकती है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत के मुख्य भाग को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाला एक संकरा क्षेत्र है। डोकलाम क्षेत्र में चीन की स्थिति मजबूत होने से इस गलियारे की सुरक्षा कमजोर हो सकती है। 2017 में, डोकलाम में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिनों का आमना-सामना हुआ था। भारत ने तब चीन को सड़क और अन्य निर्माण कार्य करने से रोका था। उस समय दोनों पक्षों ने अपनी अग्रिम पंक्ति की सेनाएं वापस बुला ली थीं। लेकिन सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि हाल के वर्षों में चीन ने डोकलाम के आसपास अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं।
भूटान ने कई बार इन चीनी गांवों की मौजूदगी से इनकार किया है। 2023 में, भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने एक बेल्जियन अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ये चीनी सुविधाएं भूटान में नहीं हैं। हालांकि, इन गांवों और बस्तियों को लेकर कोई स्पष्ट बयान भूटान सरकार ने नहीं दिया है। 2016 से चीन ने भूटान की जमीन पर 22 गांव और 2,284 आवासीय इकाइयां बनाई हैं। इन बस्तियों में लगभग 7,000 लोगों को बसाया गया है , जो पहले इन इलाकों में नहीं रहते थे। यह क्षेत्र भूटान और चीन के बीच लंबे समय से विवादित है, और चीन ने यहां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए इन गांवों का निर्माण किया है।