Edited By Tanuja,Updated: 16 Mar, 2025 12:23 PM

चीन ने जी-7 समूह द्वारा उस पर समुद्री सुरक्षा को खतरे में डालने के लगाए गए आरोपों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि जी-7 के सदस्य ‘‘अहंकार, पक्षपात और दुर्भावनापूर्ण इरादों से भरे हुए हैं...
Bejing: चीन ने जी-7 समूह द्वारा उस पर समुद्री सुरक्षा को खतरे में डालने के लगाए गए आरोपों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि जी-7 के सदस्य ‘‘अहंकार, पक्षपात और दुर्भावनापूर्ण इरादों से भरे हुए हैं।'' चीन की ओर से शनिवार को जारी किया गया बयान असमान्य रूप से कटु था, हालांकि उसने किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई की धमकी नहीं दी है। G-7 समूह की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए बयान में कहा गया, ‘‘हम चीन की अवैध, उकसाने वाला, बलपूर्वक और खतरनाक कार्रवाइयों की निंदा करते हैं क्योंकि इससे क्षेत्रों की स्थिरता को नुकसान पहुंच सकता है, जिसमें भूमि पर पुनः कब्जा करना, चौकियों स्थापित करना और सैन्य उद्देश्यों के लिए उनका उपयोग करना शामिल है।''
बयान में ताइवान जलडमरूमध्य का जिक्र करते हुए कहा गया, ‘‘हम पुनः पुष्टि करते हैं कि ताइवान के संबंध में हमारी मूल नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को बनाए रखना अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।'' ताइवान जलडमरूमध्य, चीन को ताइवान से अलग करता है लेकिन यह ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। कनाडा स्थित अपने दूतावास के माध्यम से चीन ने जी-7 समूह के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (G-7) वही पुरानी बयानबाजी दोहराई है, तथ्यों और चीन की गंभीर स्थिति को नजरअंदाज किया है।
उन्होंने चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप किया और चीन को बदनाम किया।'' कनाडा के क्यूबेक के ला मालबे में जी-7 की दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी। चीन ने कहा, ‘‘G-7 द्वारा दिए गए ये बयान अहंकार, पक्षपात और चीन को दबाने और उस पर हमला करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से भरे हुए हैं। चीन इसकी कड़ी निंदा करता है और इसका विरोध करता है। चीन ने कनाडा के समक्ष कड़ा विरोध जताया।'' चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जिसके माध्यम से लगभग पांच ट्रिलियन डॉलर का वैश्विक व्यापार होता है। उसने समुद्र के कुछ हिस्सों पर दावा करने वाले अन्य देशों खासकर फिलीपीन के दावे को नकार दिया है और कभी-कभी इस मुद्दे पर उनके साथ टकराव भी किया है।
चीन G-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों या विदेशी देशों द्वारा उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति के संबंध में की गईं सभी टिप्पणियों और संदर्भों पर बारीकी से नजर रखता है तथा आलोचना का जवाब भी तीखी भाषा में देता है। चीन नियमित रूप से ताइवान के निकट हवाई क्षेत्र और जलक्षेत्र में जहाज और युद्धक विमान भेजता रहता है। उसने दक्षिण चीन सागर में मानव निर्मित द्वीपों पर सैन्य अड्डे भी स्थापित किए हैं। चीन ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच तस्मान सागर में ‘लाइव-फ़ायर' अभ्यास भी किया और इसने इस कार्रवाई से पहले दोनों देशों को कोई सूचना भी नहीं दी थी।