Edited By Tanuja,Updated: 03 Jun, 2024 12:25 PM
भारत के मीडिया सहित दुनिया भर के मीडिया में लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर विश्लेषण व एग्जिट पोल जारी किए जा रहे हैं । अधिकांश एग्जिट पोल...
बीजिंगः भारत के मीडिया सहित दुनिया भर के मीडिया में लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर विश्लेषण व एग्जिट पोल जारी किए जा रहे हैं । अधिकांश एग्जिट पोल मेंतो ‘मोदी सरकार और एक बार’ की भविष्यवाणी कर दी गई है। हालांकि लोकसभा चुनाव के फाइनल नतीजे 4 जून को आएंगे और तभी सारी पिक्चर साफ होगी। इस बीच चीन भी लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत की संभावना जता रहा है और इसे अपने लिए पॉजिटिव संकेत मान रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के "भोंपू" यानि चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने नरेंद्र मोदी के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने पर भारत-चीन की दोस्ती की संभावना जताई है। ग्लोबल टाइम्स चीन की जिनपिंग सरकार का आधिकारिक समाचार पत्र है और इसके विचारों को चीन का विचार माना जाता है ऐसे में एक्सपर्ट्स के हवाले से ग्लोबल टाइम्स का यह लेख काफी अहम बताया जा रहा है।
ग्लोबल टाइम्स ने लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर अपने लेख में लिखा है कि पीएम मोदी के सत्ता में फिर से आने से भारत और चीन के बीच रिश्ते भी सुधरेंगे। चीनी एक्सपर्ट्स के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से भारत की विदेश नीति और कूटनीति और अधिक मजबूत होगी।एग्जिट पोल को लेकर विश्लेषकों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की जीत से भारत की समग्र घरेलू और विदेश नीतियां जारी रहेंगी। पीएम मोदी से भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को जारी रखने की उम्मीद है। यहां बताना जरूरी है कि ग्लोबल टाइम्स में चीनी सरकार के मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं लिखा जाता है।
भारत-चीन संबंधों को लेकर चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो चीन और भारत के बीच इस बार टकराव बढ़ने की संभावना नहीं है। इसके अलावा सिंघुआ यूनिवर्सिटी के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट में रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग ने रविवार को चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बताया कि नरेंद्र मोदी भारत के लिए निर्धारित घरेलू और विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाते रहेंगे, जिसमें उनका मुख्य ध्यान कुछ सालों के भीतर अमेरिका और चीन के बाद भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर रहेगा। भारत को एक अग्रणी शक्ति बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर उनका मानना है कि नरेंद्र मोदी कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से भारत के वैश्विक प्रभाव को लगातार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
बता दें कि गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच टकराव काफी बढ़ गया है।फुडान यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डिप्टी डायरेक्टर लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, ‘चीन और जापान-ऑस्ट्रेलिया जैसे अमेरिकी सहयोगियों सहित कई देशों के बीच संबंध अब सुधर रहे हैं। इसके मद्देनजर भारत यह सवाल उठा सकता है कि चीन-भारत संबंधों में अब तक कोई सुधार या सहजता क्यों नहीं दिख रही है।’