आ गया नया कोरोना वायरस, चीन में मिला HKU5-CoV-2 संक्रमण, जानें कितना खतरनाक...

Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Feb, 2025 11:36 AM

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चीन के वैज्ञानिकों ने एक नए बैट कोरोना वायरस की पहचान की है, जिसे HKU5-CoV-2 नाम दिया गया है। यह वायरस मर्स (MERS) कोरोना वायरस परिवार से संबंधित है और इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। हालांकि, शुरुआती शोध से संकेत मिलता है कि यह...

नेशनल डेस्क: चीन के वैज्ञानिकों ने एक नए बैट कोरोना वायरस की पहचान की है, जिसे HKU5-CoV-2 नाम दिया गया है। यह वायरस मर्स (MERS) कोरोना वायरस परिवार से संबंधित है और इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। हालांकि, शुरुआती शोध से संकेत मिलता है कि यह SARS-CoV-2 (कोविड-19 वायरस) जितना संक्रामक नहीं है।

क्या है HKU5-CoV-2?

HKU5-CoV-2 की पहचान चीन के चमगादड़ों में हुई है। यह मर्स (MERS) कोरोना वायरस के परिवार से संबंधित है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह इंसानों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी पशु से मानव संक्रमण क्षमता को समझने के लिए और शोध की जरूरत है।

वायरस के फैलने की संभावना

HKU5-CoV-2 में फ्यूरिन क्लिवेज साइट नामक एक विशेषता पाई गई है, जिससे यह ACE2 प्रोटीन के जरिए कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है। इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल SARS-CoV-2 ने भी किया था, जिससे कोविड-19 महामारी फैली थी।

लैब परीक्षण में क्या सामने आया?

वैज्ञानिकों ने टेस्ट ट्यूब और मानव कोशिका मॉडलों पर प्रयोग किया, जिसमें यह सामने आया कि यह वायरस उन कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है, जिनमें ACE2 प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है, जैसे कि आंत और श्वसन तंत्र की कोशिकाएं।

‘बैटवुमन’ ने की रिसर्च की अगुवाई

इस शोध का नेतृत्व चीन की प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली ने किया, जिन्हें “बैटवुमन” के नाम से जाना जाता है। वे लंबे समय से चमगादड़ों से फैलने वाले कोरोना वायरस पर अध्ययन कर रही हैं। यह अध्ययन ग्वांगझू लैबोरेटरी, वुहान यूनिवर्सिटी और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया।

क्या HKU5-CoV-2 नया खतरा बन सकता है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि HKU5-CoV-2 की मानव कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता SARS-CoV-2 की तुलना में बहुत कम है। इसलिए, इसका इंसानों में आसानी से फैलना संभव नहीं लगता।

संक्रमण रोग विशेषज्ञ मिनेसोटा विश्वविद्यालय के माइकल ओस्टरहोम का कहना है कि इस वायरस को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर चिंता जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया की आबादी में SARS जैसे वायरस के खिलाफ कुछ हद तक प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है, जिससे इसकी महामारी बनने की संभावना कम हो जाती है।

क्या हमें चिंता करने की जरूरत है?

फिलहाल वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वायरस से तुरंत खतरे की कोई आशंका नहीं है, लेकिन इस पर सतर्क निगरानी रखना आवश्यक होगा।

कोविड-19 महामारी की यादें

2019 में चीन के वुहान शहर में कोविड-19 के पहले मामले सामने आए थे, जो तेजी से पूरी दुनिया में फैल गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जनवरी 2020 में इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया और मार्च 2020 में इसे महामारी करार दिया।

फरवरी 2025 तक कोविड-19 से 70 लाख से अधिक मौतें दर्ज की गईं, जिससे यह इतिहास की पांचवीं सबसे घातक महामारी बन गई। हालांकि HKU5-CoV-2 को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है। फिर भी, इस पर शोध जारी रहेगा ताकि भविष्य में किसी भी संभावित महामारी से बचाव किया जा सके।

 

 

 

 

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