राहुल-अखिलेश की इस मांग का Chirag Paswan खुलकर किया समर्थन, फिर दिखाया NDA से अलग रुख

Edited By Yaspal,Updated: 25 Aug, 2024 11:09 PM

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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने देश में जाति जनगणना कराए जाने पर बल देते हुए कहा कि इससे योजना बनाने में केंद्र और राज्य सरकार को सहूलियत होगी।

नई दिल्लीः लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने देश में जाति जनगणना कराए जाने पर बल देते हुए कहा कि इससे योजना बनाने में केंद्र और राज्य सरकार को सहूलियत होगी। पासवान ने कहा कि केंद्र, राज्य के स्तर से कमजोर, वंचित वर्ग के लाभ के लिए योजनाएं बनाई जाती है। उनकी पार्टी चाहती है कि देश में जातीय जनगणना हो। इससे सरकार के पास वंचितों, कमजोरों के वास्तविक आंकड़े सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आंकड़े सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है लेकिन सरकार के पास इसके आंकड़े होने चाहिए।

पासवान ने कहा कि झारखंड में पार्टी चुनाव लड़ेगी और इसका फैसला जल्द हो जाएगा कि वह एनडीए गठबंधन के साथ लड़ेंगी या अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी संगठन जिलों में खड़ा किया जा चुका है। आने वाले दिनों के लिए कई तरह के प्रोग्राम भी पार्टी ने फाइनल किए हैं।पार्टी के सांसद, पदाधिकारी इनमें शामिल होंगे। आने वाले समय में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते और भी प्रभावी तरीके से काम होंगे। पहला प्रयास एनडीए गठबंधन के साथ हिस्सेदारी लेकर चुनाव लड़ने और सरकार बनाने का होगा। किसी कारण वश ऐसा ना होने पर पार्टी जहां मजबूत होगी, वहां अकेले लड़ेगी। पार्टी के चुनाव में भी महिला, युवाओं को प्रोत्साहित करेगी। धर्म, संप्रदाय, जाति से परे रहकर ही राजनीति करेगी।अगर एनडीए फोल्डर में लोजपा रहता है तो एनडीए और मजबूत होग।

झारखंड में घुसपैठ के सवाल पर पासवान ने कहा कि केंद्र सरकार डे वन से इस पर अपना स्टैंड क्लियर रखते आयी है, जहां कहीं से शिकायत इसकी आएगी, केंद्र जरूर उस पर एक्शन लेगा। इस अवसर पर पार्टी सांसद वीणा सिंह, शांभवी चौधरी, राजेश वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान सहित अन्य नेता भी मौजूद थे।

पहले भी कई मुद्दों पर रख चुके हैं अलग राय
चिराग पासवान पहले भी जातिगत जनगणना को लेकर ऐसी ही राय रख चुके हैं। बल्कि न सिर्फ जातिगत जनगणना, बल्कि उन्होंने कई और मामलों और मुद्दों पर भी अपनी ही सहोगी पार्टी के रुख पर विरोध जताया है। हाल ही में चिराग पासवान केंद्र सरकार की लेटरल एंट्री वाली भर्ती को लेकर मुखर विरोध करते नजर आए थे। विपक्षी दल इसे लेकर पहले से ही सरकार को घेर रहे थे, नतीजतन केंद्र सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को वापस ले लिया। चिराग पासवान कई मौकों पर NDA से अलग ही लीक पर चलते दिखे हैं

जातिगत जनगणना पर पहले भी दिखा चुके हैं NDA से अलग रुख
बीती जुलाई में भी चिराग पासवान ने जातिगत जनगणना को अपना समर्थन दिया था। पासवान ने जाति जनगणना के समर्थन में अपनी पार्टी का पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा था कि जाति जनगणना अगली जनगणना का हिस्सा होनी चाहिए, क्योंकि समुदाय-आधारित विकास योजनाओं के लिए सही आंकड़े जरूरी होते हैं। हालांकि, उन्होंने इस डेटा को सार्वजनिक करने का विरोध भी किया था। इसके लिए उनका यह कहते हुए कि इससे समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। एनडीए के अन्य दलों ने भी जाति जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन चिराग पासवान का इस मुद्दे पर खास जोर और डेटा की सार्वजनिकता को लेकर उनकी चिंताएं उन्हें बाकी दलों से अलग खड़ा करती हैं।

लेटरल एंट्री पर भी रखी अलग राय
अभी हाल ही में चिराग पासवान ने चर्चित लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भी विरोध जताया था। आरक्षण के मुद्दे पर चिराग पासवान का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। उन्होंने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के प्रावधान के समर्थन में जोरदार तरीके से बात उठाई थी। हाल ही में, जब यूपीएससी में लैटरल एंट्री का मुद्दा उठा, तो चिराग पासवान ने इसकी कड़ी आलोचना की और कहा कि यह आरक्षण के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकारी पदों पर आरक्षण का प्रावधान जरूरी है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर उन्होंने एनडीए के कुछ घटक दलों से अलग राय रखी है, जो लैटरल एंट्री का समर्थन करते हैं।

भारत बंद को दिया था समर्थन
बीते दिनों चिराग पासवान ने भारत बंद को भी समर्थन दिया था। यह बंद अनुसूचित जाति (SC) व जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों के आह्वान पर बुलाया गया था। कई विपक्षी दलों को भी इस 'भारत बंद' का समर्थन मिला था। लोजपा (आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस भारत बंद का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि 'इस बंद को हमारा पूरा समर्थन रहेगा। चिराग ने कहा कि जब तक समाज में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के खिलाफ छुआछूत जैसी प्रथा है। तब तक एससी/एसटी श्रेणियों को सब-कैटेगरी में आरक्षण और क्रीमीलेयर जैसे प्रावधान नहीं होने चाहिए।'

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