Edited By Rahul Rana,Updated: 18 Nov, 2024 01:43 PM
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल अनुमंडल के कुछ गांवों में धर्म परिवर्तन को लेकर एक नया मामला सामने आया है। यहां ईसाई मिशनरी गुपचुप तरीके से 'पाठशालाएं' चला रही हैं, जिनका उद्देश्य स्थानीय लोगों को प्रार्थना के नाम पर धर्म परिवर्तन की ओर...
नेशनल डेस्क। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ीदयाल अनुमंडल के कुछ गांवों में धर्म परिवर्तन को लेकर एक नया मामला सामने आया है। यहां ईसाई मिशनरी गुपचुप तरीके से 'पाठशालाएं' चला रही हैं, जिनका उद्देश्य स्थानीय लोगों को प्रार्थना के नाम पर धर्म परिवर्तन की ओर प्रेरित करना है। यह गतिविधियां खासकर दलित और पिछड़ी जाति के लोगों को निशाना बनाकर की जा रही हैं।
धर्मांतरण के लिए चल रही पाठशाला
सिरहा पंचायत के अंतर्गत कुछ गांवों में ईसाई मिशनरी ने गुपचुप तरीके से 'धर्मांतरण की पाठशाला' शुरू की है। यहां पर महिलाओं और बच्चों को हर रविवार चर्च में प्रार्थना के नाम पर लाया जा रहा है। इन गांवों में मधुबन, चैता, कटास, मझार, बहुआरा राजेपुर, तेतरिया सहित कई अन्य गांव शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन इलाकों में विशेष रूप से दलित और कमजोर वर्ग के लोगों को सॉफ्ट टारगेट किया जा रहा है।
लालच देकर लोगों को किया जा रहा शिकार
इस मौके पर गांव के युवकों चंदन कुमार और धुरेन्द्र कुमार ने बताया कि पहले इस तरह की गतिविधियां नहीं होती थीं, लेकिन अब यह बढ़ गई हैं। खासकर, ईसाई मिशनरी के लोग ग्रामीणों को लालच देकर उन्हें चर्च आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे महिलाओं और बच्चों को टेंपो में बैठाकर चर्च ले जाते हैं, जहां उन्हें प्रार्थना के नाम पर धर्मांतरण के लिए तैयार किया जाता है।
धर्म परिवर्तन की बढ़ती संख्या
वहीं गांव के ही एक चिकित्सक उपेंद्र यादव ने सबसे पहले ईसाई धर्म को अपनाया था। इसके बाद उन्होंने अपने बेटे आनंद और विजय को भी धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया। इसके बाद सिरहा पंचायत में लगभग 20 से 25 लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया, जबकि अनुमंडल के अन्य गांवों में यह संख्या 500 से अधिक हो गई है।
हिंदू धर्म की ओर लौटे कुछ लोग
इसी बीच इटावा गांव के गणेशाराम ने भी एक दिलचस्प बयान दिया। उन्होंने पहले ईसाई धर्म अपनाया था लेकिन बाद में अपने परिवार के कहने पर और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की। गणेशाराम ने बताया कि, "हमने पहले ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन अब हमने अपने परिवार की सलाह पर हिंदू धर्म में वापसी की है।"
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों में तनाव बढ़ गया है। प्रशासन और पुलिस भी इस पर नजर रखे हुए हैं और धर्मांतरण को लेकर आने वाली शिकायतों की जांच कर रहे हैं। हालांकि, इस तरह के धर्मांतरण के मामलों को लेकर स्थानीय स्तर पर कई विवाद और मतभेद पैदा हो रहे हैं।