Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jan, 2025 08:59 PM
भारत के प्रमुख क्रिकेटर शुभमन गिल और उनके गुजरात टाइटन्स के तीन अन्य साथी खिलाड़ी एक पोंजी स्कीम मामले में फंस सकते हैं। अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, इन क्रिकेटरों को गुजरात सीआईडी क्राइम ब्रांच द्वारा 450 करोड़ रुपए के इस पोंजी स्कीम घोटाले...
नई दिल्ली: भारत के प्रमुख क्रिकेटर शुभमन गिल और उनके गुजरात टाइटन्स के तीन अन्य साथी खिलाड़ी एक पोंजी स्कीम मामले में फंस सकते हैं। अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, इन क्रिकेटरों को गुजरात सीआईडी क्राइम ब्रांच द्वारा 450 करोड़ रुपए के इस पोंजी स्कीम घोटाले के सिलसिले में तलब किया जा सकता है। इसके अलावा, अन्य खिलाड़ी जिनका नाम इस मामले में आ सकता है, वे साई सुदर्शन, राहुल तेवतिया और मोहित शर्मा हैं। यह पूरी जांच पोंजी स्कीम के कथित मास्टरमाइंड भूपेंद्र सिंह जाला से पूछताछ के बाद शुरू हुई है। जाला ने अपनी पूछताछ में स्वीकार किया कि इन क्रिकेटरों ने इस स्कीम में पैसे निवेश किए थे, लेकिन उनका पैसा वापस नहीं किया गया।
किस खिलाड़ा ने कितना निवेश किया?
रिपोर्ट के अनुसार, शुभमन गिल, जो 2024 में गुजरात टाइटन्स के कप्तान होंगे, ने इस पोंजी स्कीम में 1.95 करोड़ रुपए का निवेश किया था। वहीं, मोहित शर्मा, राहुल तेवतिया और साई सुदर्शन ने भी इस स्कीम में छोटी रकम का निवेश किया था। गिल इस समय भारतीय टेस्ट टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में हैं, इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए बाद में तलब किया जाएगा। इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए मोहित शर्मा से संपर्क किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।
क्या है भूपेंद्र सिंह जाला का रोल?
भूपेंद्र सिंह जाला गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे का निवासी है। वह एक पोंजी स्कीम का मास्टरमाइंड था और 2020 से 2024 तक उसने अपनी कंपनी, BZ फाइनेंशियल सर्विसेज के माध्यम से 11,000 से अधिक निवेशकों से 450 करोड़ रुपए जुटाए। जाला ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 36 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न का वादा किया था, और शुरुआत में अपने वादों को पूरा कर के निवेशकों का विश्वास जीता।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जाला ने एजेंट नियुक्त किए थे, जिनमें से कुछ ने एक करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया था। इस धनराशि का इस्तेमाल जाला ने 100 करोड़ रुपए की संपत्ति खरीदने में किया।
भूपेंद्र सिंह जाला की गिरफ्तारी
जाला एक महीने तक फरार रहा, लेकिन उसे 27 दिसंबर 2024 को गुजरात के मेहसाणा जिले से गिरफ्तार किया गया। वह फिलहाल 4 जनवरी 2025 तक पुलिस हिरासत में है। इस पोंजी स्कीम से जुड़े सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। जांचकर्ताओं का ध्यान अब इस बात पर केंद्रित है कि कैसे जाला ने 11,000 निवेशकों से पैसा ठगा और उनके खोए हुए पैसे वापस कैसे किए जा सकते हैं। इसके अलावा, जाला के एजेंटों, उसकी धोखाधड़ी की कार्यप्रणाली और उसकी संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।