"मेरी साख दांव पर है... CJI चंद्रचूड़ ने वकीलों को दी कड़ी चेतावनी लगाई फटकार

Edited By Mahima,Updated: 01 Oct, 2024 04:51 PM

cji chandrachud gave a stern warning to the lawyers

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को अदालत में अलग-अलग वकीलों द्वारा एक ही मामले का बार-बार उल्लेख करने पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह प्रथा अस्वीकार्य है और इससे अदालत को गुमराह करने का प्रयास हो रहा है। CJI ने अपनी...

नेशनल डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) DY Chandrachud ने मंगलवार को अदालत में चल रही कुछ नई प्रथाओं पर गहरी असहमति व्यक्त की। उन्होंने देखा कि अलग-अलग वकील एक ही मामले का बार-बार उल्लेख कर रहे हैं, जिससे न केवल न्यायालय की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि इससे न्याय की गारंटी देने वाली प्रणाली भी प्रभावित हो रही है। उनकी अध्यक्षता में न्यायमूर्ति JB Pardiwala और न्यायमूर्ति Manoj Mishra की पीठ ने दिन की सुनवाई शुरू की, जब एक वकील ने खनन पट्टे की समाप्ति से संबंधित मामला उठाया।

एक ही मामले का बार-बार उल्लेख
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह मामला पहले भी पीठ के सामने लाया गया था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अदालत में बार-बार एक ही मामले का जिक्र कर अनुकूल आदेश पाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। "इस प्रथा को बंद करें कि अलग-अलग वकील बार-बार एक ही मामले का उल्लेख कर रहे हैं। आप सब सिर्फ मौका पाने की कोशिश कर रहे हैं," उन्होंने कहा। यह स्थिति न्यायालय की प्रक्रिया को गुमराह करने का प्रयास है, और उन्होंने इसे अस्वीकार्य करार दिया।

Importance of discretion
मुख्य न्यायाधीश ने अपने discretion का जिक्र करते हुए कहा, "मेरे पास जो थोड़ा सा discretion है, वह आपके पक्ष में कभी नहीं होगा, क्योंकि इस अदालत को गुमराह करने का प्रयास हो रहा है।" उन्होंने जोर दिया कि अगर अदालत में लगातार एक जैसे मामले लाए जाते हैं और न्यायाधीश को भ्रमित करने का प्रयास किया जाता है, तो यह अदालत की गरिमा को कमजोर करता है। 

CJI ने कहा, "मुख्य न्यायाधीश के रूप में मेरे पास जो थोड़ा बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा। यह अदालत को धोखा देने की कोशिश की जा रही है। तीन अलग-अलग वकील बुलाओ, जज पलक झपकाते हैं और आदेश ले लेते हैं। यही इस अदालत में हो रहा है और मैं ऐसा नहीं करूंगा।" इस तरह के बर्ताव से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।

वकील को फटकार
इसके अतिरिक्त, सोमवार को एक वकील को भी मुख्य न्यायाधीश ने तगड़ी फटकार लगाई। वकील ने अपनी दलीलों के दौरान बार-बार 'Yeah' शब्द का इस्तेमाल किया। CJI ने कड़े शब्दों में कहा, "यह कोई कॉफी शॉप नहीं है! बार-बार 'Yeah Yeah Yeah' मत कहो। 'Yes' कहो। यह अदालत है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि अदालत में इस प्रकार का अनौपचारिक व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाएगा और यह न्यायालय की गरिमा के खिलाफ है।

न्यायालय की गरिमा का महत्व
CJI चंद्रचूड़ का यह कड़ा रुख अदालत की कार्यप्रणाली में अनुशासन और प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। उनका यह संदेश सभी वकीलों और पक्षकारों के लिए है कि वे न्यायालय की गरिमा को बनाए रखें और उचित प्रक्रियाओं का पालन करें। यह स्थिति न केवल अदालत की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है, बल्कि न्यायालय में सभी के लिए समान न्याय सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।

मुख्य न्यायाधीश का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि वे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए कितने गंभीर हैं। उनके इस कड़े रुख से यह साफ है कि अदालत में अनुशासन और उचित प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य है। CJI का यह कड़ा संदेश अदालत के समक्ष पेश होने वाले वकीलों के लिए एक जागरूकता का काम करेगा कि वे न्यायालय की प्रक्रिया का सम्मान करें और नियमों का पालन करें। इससे न केवल न्यायालय की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि यह न्याय की गरिमा को भी बढ़ाएगा। 

इस प्रकार, यह स्थिति न केवल न्यायालय की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है, बल्कि सभी के लिए समान न्याय सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी है। मुख्य न्यायाधीश का यह कड़ा रुख न्यायालय में अनुशासन और आदर्श व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

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