Edited By Mahima,Updated: 20 Jan, 2025 11:04 AM
EPFO ने 18 जनवरी 2025 से एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके तहत सदस्य बिना नियोक्ता की मंजूरी के अपनी जानकारी ऑनलाइन सुधार सकते हैं। इसके अलावा, आधार से जुड़े खातों के लिए, अब कर्मचारी बिना नियोक्ता के हस्तक्षेप के अपना EPF ट्रांसफर क्लेम भी ऑनलाइन कर...
नेशनल डेस्क: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7.6 करोड़ से अधिक सदस्य ग्राहकों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है, जो अब उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी में सुधार करने में मदद करेगी। इस नई सुविधा के तहत, EPFO मेंबर बिना नियोक्ता के सत्यापन या EPFO की मंजूरी के, अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता/माता का नाम, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम, आदि को ऑनलाइन सुधार सकेंगे। यह सुविधा 18 जनवरी 2025 से लागू हो चुकी है।
किसे मिलेगा इसका लाभ?
यह सुविधा उन कर्मचारियों को दी जाएगी जिनका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) 1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी हुआ है, क्योंकि 1 अक्टूबर 2017 के बाद आधार से लिंकिंग अनिवार्य हो गई थी। यूएएन का आधार से लिंक होना इस सुविधा का मुख्य शर्त है। ऐसे सदस्य जिनका UAN 1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी हुआ था, उन्हें भी कुछ खास शर्तों के तहत अपनी जानकारी सुधारने की सुविधा मिलेगी।
कैसे होगा सुधार?
पहले कर्मचारियों को नियोक्ता से अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता होती थी और इसके लिए सहायक दस्तावेज़ भी चाहिए होते थे। अब इस पूरी प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। अब कर्मचारी बिना नियोक्ता की मदद के अपनी व्यक्तिगत जानकारी में बदलाव कर सकते हैं। यह बदलाव सीधे EPFO पोर्टल पर किया जा सकेगा। इसके अलावा, अब कर्मचारियों को ऐसे सुधारों के लिए किसी प्रकार के सहायक दस्तावेज भी नहीं देने होंगे।
Aadhaar OTP से मिलेगा क्लेम का विकल्प
एक अन्य महत्वपूर्ण सुधार यह है कि जिन कर्मचारियों का EPF खाता आधार से जुड़ा हुआ है, वे बिना नियोक्ता के हस्तक्षेप के अपने EPF ट्रांसफर क्लेम को ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए Aadhaar OTP (One Time Password) का उपयोग किया जाएगा। पहले कर्मचारियों को अपने EPF क्लेम को नियोक्ता द्वारा सत्यापित कराने की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएगी।
कर्मचारी के लिए क्या फायदे हैं?
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने इन दोनों नई सेवाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि इस सुविधा के आने के बाद EPFO से संबंधित शिकायतों में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि EPFO में दर्ज की गई लगभग 27 प्रतिशत शिकायतें सदस्य के व्यक्तिगत विवरणों से संबंधित होती थीं, जिनमें प्रमुख रूप से नाम, जन्मतिथि, लिंग और अन्य बुनियादी जानकारी में त्रुटियां होती थीं। अब कर्मचारियों को इन समस्याओं का समाधान बहुत आसान और तेज़ी से मिल सकेगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि इस सुविधा का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा जो बड़ी कंपनियों या संगठनों में काम करते हैं। ऐसे संगठन जहां कार्यबल बड़ा होता है, वहां अक्सर इन त्रुटियों को सुधारने में काफी समय लगता है। अब इस प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने से न केवल कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि नियोक्ताओं के लिए भी यह सुविधाजनक होगा।
अब अधिक तेज़ी से होगा सुधार
पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में, नियोक्ताओं द्वारा EPFO को भेजे गए आठ लाख अनुरोधों में से केवल 40 प्रतिशत अनुरोध ही पांच दिनों के भीतर भेजे गए थे, जबकि 47 प्रतिशत अनुरोध 10 दिन बाद भेजे गए थे। नियोक्ता द्वारा लिए गए औसत समय की बात करें तो यह 28 दिन था। इस नई सुविधा के लागू होने के बाद 45 प्रतिशत मामलों में कर्मचारी खुद ही Aadhaar OTP के माध्यम से तुरंत अपनी जानकारी सुधार सकेंगे। बाकी 50 प्रतिशत मामलों में सुधार के लिए नियोक्ता का सहयोग लिया जाएगा। EPFO द्वारा शुरू की गई यह नई सुविधा कर्मचारियों के लिए एक बड़ा कदम है, जो उन्हें अपनी जानकारी में सुधार करने और EPF क्लेम को आसान और तेज़ी से करने में मदद करेगी। यह बदलाव न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि नियोक्ताओं के लिए भी राहत का कारण बनेगा, क्योंकि अब इस प्रक्रिया में समय की बचत होगी और समस्याओं का समाधान भी जल्दी होगा।