CLSA ने चीन से भारतीय बाजार में निवेश को दी प्राथमिकता, कहा- भारत निवेश के लिए बेहतर विकल्प

Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Nov, 2024 05:38 PM

clsa gives priority to investment from china in indian market

भारत में विदेशी निवेशकों के लौटने की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। दुनिया की प्रमुख ब्रोकरेज फर्म CLSA ने चीन की गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती चिंताओं का हवाला देते हुए, भारत को निवेश के लिए बेहतर विकल्प बताया है।

नई दिल्ली: भारत में विदेशी निवेशकों के लौटने की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। दुनिया की प्रमुख ब्रोकरेज फर्म CLSA ने चीन की गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती चिंताओं का हवाला देते हुए, भारत को निवेश के लिए बेहतर विकल्प बताया है। CLSA का कहना है कि चीन की आर्थिक स्थिति में कमजोरी के कारण अब भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बन गया है। 

चीन की गिरती अर्थव्यवस्था और निवेशकों की चिंता
हाल के महीनों में, चीन के शेयर बाजार ने कई झटके झेले हैं, और इन कारणों से CLSA ने अपनी पहले की चीन के पक्ष में ली गई स्थिति को पलट दिया है। CLSA का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनावों और चीन की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते निवेशकों का विश्वास कम हो गया है। खासकर, चीन की राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा जारी किए गए राहत पैकेज को लेकर CLSA का कहना है कि इसमें कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलना मुश्किल है। 

भारत में निवेश के बेहतर अवसर
CLSA का कहना है कि भारत की आर्थिक स्थिति ज्यादा स्थिर और बेहतर है। विशेष रूप से, भारत व्यापार तनावों के प्रति कम संवेदनशील है, खासकर यूएस-चीन रिश्तों की अनिश्चितता के बीच। CLSA का कहना है कि भारत में निवेशकों के लिए अवसर बने हुए हैं, और देश में मजबूत घरेलू मांग के कारण विदेशी निवेशकों की घबराहट को दूर किया जा सकता है।

भारत के शेयर बाजार में खरीदारी के अवसर
CLSA के अनुसार, भारत के शेयर बाजार के वैल्यूएशन अब बेहतर हो चुके हैं, और यहां निवेश के लिए एक फेवरेबल स्थिति है। हालांकि, भारत में विदेशी निवेशकों की एक बड़ी संख्या अब भी निवेश की कमी को पूरा करने के लिए खरीदारी के अवसर की तलाश में है। चीन के मुकाबले भारतीय बाजार अब काफी आकर्षक माने जा रहे हैं, जहां चीन के शेयर अब पहले जैसे सस्ते नहीं रहे।

एनर्जी कीमतों में गिरावट का भारत को फायदा
भारत में ऊर्जा कीमतों में गिरावट का सीधा असर पड़ेगा। भारत की ऊर्जा खपत का एक बड़ा हिस्सा आयात से आता है, खासकर क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस और कोयले का। आने वाले समय में यदि क्रूड की कीमतों में गिरावट आती है, तो इसका फायदा भारत को मिलेगा। इसके अलावा, यदि कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत रूस से सस्ता तेल खरीदने का विकल्प इस्तेमाल कर सकता है

भारतीय कंपनियों की आमदनी और भविष्य के अनुमान
हालांकि, हाल के तिमाही परिणामों में भारतीय कंपनियों की आमदनी में गिरावट देखी गई है, फिर भी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। CLSA के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025/26 के लिए भारत में कंपनियों की ईपीएस (Earnings Per Share) ग्रोथ 18% और 14% रहने का अनुमान है, जो देश की जीडीपी ग्रोथ को सपोर्ट करता है।

CLSA की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि निवेशकों के लिए भारत एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है। चीन की चिंताओं और भारत में बढ़ती संभावनाओं के चलते विदेशी निवेशक अब भारत में अपने निवेश को फिर से बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं।

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