CM अरविंद केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, CBI मामले में कोर्ट ने 25 सितंबर तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Sep, 2024 07:05 PM

cm arvind kejriwal s troubles increased court extended judicial custody

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई मामले में राहत मिलती नहीं दिख रही है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए यह आदेश...

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई मामले में राहत मिलती नहीं दिख रही है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए यह आदेश दिया कि उन्हें 25 सितंबर तक हिरासत में रखा जाएगा। इस फैसले के बाद, केजरीवाल को अब और अधिक समय तक जेल में रहना होगा, और उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।

दुर्गेश पाठक और अन्य को मिली जमानत
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता दुर्गेश पाठक और अन्य आरोपियों को 1 लाख रुपये के जमानत बांड भरने पर जमानत दे दी है। ये नेता कोर्ट के समन पर उपस्थित हुए थे। सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्य हिरासत में लिए गए आरोपियों को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया।

यह भी पढ़ें- पंजाब में जन्मे, मर्चेंट नेवी में नौकरी... जानिए मलाइका अरोड़ा के पिता की कहानी

बीजेपी विधायकों द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन
इससे पहले, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि बीजेपी विधायकों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपा है। यह ज्ञापन अब गृह मंत्रालय को भेजा जा चुका है। गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार ने छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया और कैग रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे संविधान का उल्लंघन हुआ है। 30 अगस्त को बीजेपी विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जेल में होने के कारण दिल्ली में उत्पन्न संवैधानिक संकट के बारे में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

गृह मंत्रालय से अपेक्षित कार्रवाई
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने हाल ही में राष्ट्रपति सचिवालय से प्राप्त एक पत्र को साझा किया है। इस पत्र के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी विधायकों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन का संज्ञान लिया है। ज्ञापन में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई थी। राष्ट्रपति ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए इसे गृह सचिव को भेजने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि राष्ट्रपति ने ज्ञापन में उठाए गए मुद्दों को ध्यान में रखते हुए गृह सचिव को मामले पर विचार करने के लिए निर्देशित किया है।

यह भी पढ़ें- iPhone-16 लॉन्च करते ही Apple को लगा बड़ा झटका, इस देश ने ठोका 13 अरब डॉलर का जुर्माना

गृह सचिव से उचित कार्रवाई की मांग
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ने ज्ञापन को गृह सचिव को भेजकर उन्हें तत्काल और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब है कि गृह सचिव को इस मामले में तेजी से कदम उठाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि ज्ञापन में उठाए गए बिंदुओं पर जल्दी से समाधान निकाला जा सके।

इस प्रक्रिया से यह संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति कार्यालय ने ज्ञापन में उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया है और अब गृह मंत्रालय पर निर्भर है कि वह इस मामले पर उचित और त्वरित कार्रवाई करे। यह स्थिति दिल्ली की राजनीतिक परिस्थितियों में महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाती है, जिसमें दिल्ली सरकार की स्थिति और उसके खिलाफ उठाए गए कानूनी और संवैधानिक मुद्दों की जांच की जा रही है।

 

 

 

 

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!