बीजेपी नेता Bidhuri का विवादित बयान को लेकर रो पड़ी CM Atishi, अपने पिता का किया जिक्र

Edited By Mahima,Updated: 06 Jan, 2025 03:24 PM

cm atishi cried over the controversial statement of bjp leader bidhuri

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने सीएम आतिशी पर विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने उनके नाम बदलने और उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमले किए। सीएम आतिशी ने भावुक होकर बिधूड़ी का जवाब दिया और कहा कि उनके बुजुर्ग पिता को गाली देना...

नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आते ही राजधानी की सियासत में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच जुबानी जंग चरम पर है। हाल ही में बीजेपी नेता और कालकाजी से पार्टी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी पर विवादित बयान दिया था। बिधूड़ी के इस बयान ने दिल्ली की राजनीति में तूफान मचाया, जिसके बाद सीएम आतिशी ने भावुक होकर अपना जवाब दिया है।

रमेश बिधूड़ी ने सीएम आतिशी पर किया जोरदार हमला 
रविवार, 3 दिसंबर 2023 को बीजेपी ने दिल्ली के रोहिणी में अपनी 'परिवर्तन रैली' आयोजित की थी। इस रैली के दौरान रमेश बिधूड़ी ने सीएम आतिशी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा, "दिल्ली की खड़ाऊं मुख्यमंत्री आतिशी ने तो अपना बाप ही बदल लिया। पहले ये मार्लेना थीं और अब सिंह बन गईं। यह इनका चरित्र है, जो एक नाम से दूसरे नाम में बदलता है।" बिधूड़ी ने यह टिप्पणी सीएम आतिशी के नाम बदलने को लेकर की थी, क्योंकि आतिशी ने अपने नाम में सिंह जोड़ा था। उनका कहना था कि इस नाम परिवर्तन से आतिशी ने अपनी असलियत छुपाने की कोशिश की है। इसके साथ ही बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "केजरीवाल ने कसम खाई थी कि वह भ्रष्टाचारी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन अब वह कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।" बिधूड़ी का यह बयान दिल्ली के राजनीतिक हलकों में आग की तरह फैल गया और विरोध की लहरें उठने लगीं।

संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की माफी के लिए याचिका की दायर
रमेश बिधूड़ी ने सिर्फ आतिशी के नाम पर ही हमला नहीं किया, बल्कि उन्होंने उनके परिवार पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी की। बिधूड़ी ने दावा किया कि आतिशी के माता-पिता ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की माफी के लिए याचिका दायर की थी। यह बयान बेहद आपत्तिजनक था और दिल्ली के राजनीतिक वातावरण में खलबली मचा दी। बिधूड़ी के इस आरोप ने तूल पकड़ा और वह सोशल मीडिया समेत तमाम मंचों पर आलोचनाओं का शिकार हो गए। उनके बयान पर सवाल उठने लगे कि क्या यह उनके राजनीतिक प्रचार का हिस्सा था या फिर यह केवल व्यक्तिगत हमले करने का तरीका था।

सीएम आतिशी का भावुक जवाब
रमेश बिधूड़ी के इस बयान पर दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने सोमवार, 4 दिसंबर 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उनका कड़ा जवाब दिया। आहत और भावुक होकर उन्होंने कहा, "मैं रमेश बिधूड़ी से यह कहना चाहूंगी कि मेरे पिताजी जीवनभर शिक्षक रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के हजारों गरीब बच्चों को शिक्षा दी है। वह आज 80 साल के हो गए हैं और इतने बीमार हैं कि बिना सहारे के चल भी नहीं सकते। ऐसे समय में, आप अपने राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें गालियां दे रहे हैं।" 

आतिशी ने कहा, "यह राजनीति का सबसे घटिया स्तर है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे देश की राजनीति इस स्तर तक गिर सकती है। यह हमारे समाज के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने यह भी कहा कि बिधूड़ी को अपने काम पर वोट मांगना चाहिए, न कि इस तरह के घटिया बयानों से मतदाताओं का ध्यान भटकाने का प्रयास करना चाहिए। आतिशी ने दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि बिधूड़ी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने अपने दस साल के सांसद कार्यकाल में कालकाजी के लिए क्या किया। "वह खुद के काम के आधार पर वोट मांगें, न कि मेरे बुजुर्ग पिता को गाली देकर।" यह विवाद दिल्ली की सियासत में एक नया मोड़ लेकर आया है। दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखें पास आते ही राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। इस समय दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा, जिसमें आम आदमी पार्टी अपनी सत्ता बचाने की कोशिश कर रही है, बीजेपी सत्ता पर काबिज होने की मंशा से चुनाव लड़ रही है और कांग्रेस सत्ता में वापस आने का प्रयास कर रही है। 

बिधूड़ी ने इससे पहले प्रियंका गांधी पर भी एक विवादित टिप्पणी की थी, जो विवादों में घिरी थी। अब सीएम आतिशी के खिलाफ बिधूड़ी के बयान ने दिल्ली की राजनीति को और भी गर्म कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार की बयानबाजी चुनावी माहौल को और तीव्र करेगी। इस चुनावी मुकाबले में कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में उसकी स्थिति दिल्ली में कमजोर रही है। कांग्रेस की मुश्किल यह है कि वह अपनी सरकार को फिर से सत्ता में नहीं ला सकी है और इसे लेकर पार्टी में अंदरूनी असंतोष भी है। ऐसे में, बयानबाजी और आरोपों का सिलसिला जारी रहेगा, क्योंकि हर पार्टी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए सभी राजनीतिक हथकंडे अपनाएगी।

रमेश बिधूड़ी का बयान न केवल उनकी राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह चुनावी रणनीतियों पर भी असर डाल सकता है। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि इस प्रकार की बयानबाजी से समाज में तनाव और नफरत फैल सकती है, जिसका चुनावों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। एक स्वस्थ और विचारशील राजनीतिक वातावरण में नेताओं को व्यक्तिगत हमलों से बचकर सिर्फ अपने काम और नीतियों पर बात करनी चाहिए, ताकि मतदाताओं को बेहतर विकल्प मिल सके। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में यह बयानबाजी किस हद तक मतदाताओं को प्रभावित करती है। राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक इस बयानी जंग को अपनी-अपनी तरह से इस्तेमाल करेंगे। चुनावी माहौल में इस प्रकार की बयानबाजी का चुनावी नतीजों पर क्या असर होगा, यह समय ही बताएगा। 

 

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