CM बीरेन सिंह ने मणिपुर में जारी हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, कहा- इसमें राज्य सरकार का कोई दोष नहीं

Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Jan, 2025 08:26 PM

cm biren singh termed the ongoing violence in manipur as unfortunate

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने राज्य में जारी जातीय हिंसा को बुधवार को ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण'' करार देते हुए कहा कि इसमें उनकी सरकार का दोष नहीं है क्योंकि यह मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांगे जाने के बाद शुरू हुई थी।...

नेशनल डेस्क: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने राज्य में जारी जातीय हिंसा को बुधवार को ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण'' करार देते हुए कहा कि इसमें उनकी सरकार का दोष नहीं है क्योंकि यह मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांगे जाने के बाद शुरू हुई थी। सिंह ने मुख्यमंत्री सचिवालय में विस्थापित हुए व्यक्तियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब राज्य मानवीय संकट का सामना कर रहा है तो कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

'यह हिंसा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है'
पूर्वोत्तर राज्य में तीन मई 2023 को शुरू हुई हिंसा को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह हिंसा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेइती समुदाय के लोगों द्वारा एसटी दर्जे की मांग हिंसा की वजह थी। हर कोई राज्य सरकार की आलोचना कर रहा है जैसे कि इसमें हमने कोई गलती की हो।'' उन्होंने कहा, "हालांकि, वास्तविकता यह है कि मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से मेइती लोगों द्वारा एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग पर जवाब देने को कहा था। इसका विरोध करते हुए एक रैली आयोजित की गई और मेइती लोगों के घरों पर हमला किया गया। इस तरह हिंसा की शुरुआत हुई।"

मणिपुर उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.वी. मुरलीधरन ने राज्य सरकार को 27 मार्च, 2023 को आदेश दिया कि वह ‘‘मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने पर विचार करने के वास्ते'' केंद्र सरकार को सिफारिशें प्रस्तुत करें।'' राज्य के जनजातीय निकायों ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट मणिपुर यूनियन' ने तीन मई को पहाड़ी जिलों में एक रैली निकाली, लेकिन इसमें उस दौरान हिंसा शुरू हो गई थी जब चुराचांदपुर जिले से आई भीड़ ने एक इलाके में धावा बोल दिया और तोड़फोड़ तथा आगजनी की।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कई लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य सरकार ही है जो राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की शिक्षा, रोजमर्रा से जुड़ी चीजों, स्वास्थ्य और अन्य सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रही है... हम एक मानवीय संकट देख रहे हैं और इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए।''

मानसिकता बदलने की जरूरत- बीरेन सिंह
बीरेन सिंह ने कहा, ‘‘मानसिकता बदलने की जरूरत है। संघर्ष जारी है और इसमें कई लोग मारे गए हैं तथा कई लोग विस्थापित हुए हैं। अब सोशल मीडिया और टीवी चर्चाओं में लोकप्रियता हासिल करने का समय नहीं है। विशेषज्ञों और सुरक्षा बलों को संघर्ष पर बोलने दें।'' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि संकीर्ण राजनीति में लिप्त होने और ‘‘पूर्व में नेताओं'' द्वारा की गई गलतियों के कारण परेशानियां हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भूमि और समाज को बचाने के लिए जोखिम उठाने और बलिदान देने की जरूरत है। राजनीति केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं है।''

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