Edited By rajesh kumar,Updated: 19 Aug, 2024 12:53 PM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने एक रिट याचिका दायर कर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा वैकल्पिक स्थलों के आवंटन में अनियमितताओं के संबंध में उनके खिलाफ जांच की मंजूरी देने वाले राज्यपाल...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने एक रिट याचिका दायर कर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा वैकल्पिक स्थलों के आवंटन में अनियमितताओं के संबंध में उनके खिलाफ जांच की मंजूरी देने वाले राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को चुनौती दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंजूरी आदेश बिना सोचे-समझे जारी किया गया, यह वैधानिक आदेशों का उल्लंघन है तथा मंत्रिपरिषद की सलाह सहित संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत बाध्यकारी है। सिद्धारमैया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत पूर्व अनुमोदन और मंजूरी देने वाले 16 अगस्त के आदेश को चुनौती दी।
उन्होंने कहा, "माननीय राज्यपाल का निर्णय कानूनी रूप से अस्थिर, प्रक्रियागत रूप से त्रुटिपूर्ण और बाहरी विचारों से प्रेरित है और इसलिए याचिकाकर्ता ने अन्य राहतों के साथ-साथ 16.08.2024 के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए यह रिट याचिका दायर की है।"