Edited By Mahima,Updated: 20 Sep, 2024 12:30 PM
गाजियाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रोजगार मेले में एक दिव्यांग छात्र मनोज को स्मार्टफोन मिला, लेकिन जैसे ही वह बाहर निकला, एक व्यक्ति ने फोन छीन लिया। मनोज ने पुलिस को सूचना दी, जिसने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस घटना ने...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक प्रमुख घटना ने उस समय ध्यान खींचा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रोजगार मेले में एक दिव्यांग छात्र को दिए गए स्मार्टफोन को छीन लिया गया। यह घटना बुधवार को हुई जब मनोज नाम का छात्र, जो कि एमएमएच कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर चुका है, ने कार्यक्रम के दौरान अपने मोबाइल फोन को प्राप्त किया।
स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने की योजना
रोजगार मेले का आयोजन घंटाघर रामलीला मैदान में किया गया था, जहां मुख्यमंत्री ने युवाओं को 6000 स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित करने की योजना के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया। मनोज को भी लाभार्थियों की सूची में नाम आने के बाद स्मार्टफोन मिला। जब वह खुशी-खुशी कार्यक्रम के बाद बाहर निकला, तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने अचानक उसके हाथ से फोन छीन लिया। मनोज ने जब यह देखा, तो उसने तुरंत शोर मचाया, लेकिन भीड़ और लाउडस्पीकर की आवाज में उसकी आवाज किसी को सुनाई नहीं दी।
पुलिस की कार्रवाई
मनोज ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी। घंटाघर कोतवाली के अधिकारियों ने उसकी शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रितेश त्रिपाठी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि, अब तक आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है, जिससे मनोज और उसके परिवार में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।
रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर युवाओं को न केवल स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए, बल्कि रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए 1000 बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति पत्र भी सौंपे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था युवाओं को तकनीकी साधनों से लैस करना ताकि वे रोजगार बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, खासकर उन सार्वजनिक आयोजनों में जहां बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। मनोज का मामला इस बात का प्रतीक है कि कैसे तकनीकी सहायता के साथ-साथ सुरक्षा भी आवश्यक है। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच जारी है और जल्द ही आरोपी को पकड़ा जाएगा। मनोज ने आशा व्यक्त की है कि पुलिस उसकी मदद करेगी और उसे न्याय मिलेगा। इस प्रकार की घटनाएँ इस बात की reminder देती हैं कि सरकारी कार्यक्रमों में लाभार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा या खतरे का सामना न करना पड़े।