Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 03 Mar, 2025 03:15 PM
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नवविवाहितों से एक अनोखी अपील की है। उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें और उन्हें अच्छे तमिल नाम दें। स्टालिन का यह बयान उस वक्त आया है जब...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने परिसीमन योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नवविवाहितों से एक अनोखी अपील की है। उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द बच्चे पैदा करें और उन्हें अच्छे तमिल नाम दें। स्टालिन का यह बयान उस वक्त आया है जब तमिलनाडु में परिसीमन और तीन-भाषा नीति को लेकर राजनीति गरमा गई है। तमिलनाडु के नागपट्टिनम में डीएमके जिला सचिव के विवाह समारोह में सीएम स्टालिन ने कहा, "मैं पहले नवविवाहितों से कहता था कि वे अपनी सुविधा के अनुसार परिवार बढ़ाएं, लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं। केंद्र सरकार परिसीमन जैसी नीतियां लागू करने की योजना बना रही है, जो तमिलनाडु के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। हमने परिवार नियोजन को सफलतापूर्वक लागू किया, लेकिन अब हमें इसके दुष्परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर संसदीय सीटों का निर्धारण जनसंख्या के आधार पर होता है, तो तमिलनाडु की लोकसभा सीटें घट सकती हैं। इसलिए मैं अब नवविवाहितों से अपील करता हूं कि वे तुरंत बच्चे पैदा करें और उनका नाम अच्छे तमिल शब्दों पर रखें।"
परिसीमन और भाषा नीति पर स्टालिन का हमला
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 1 मार्च को अपने 72वें जन्मदिन पर भी परिसीमन और भाषा नीति को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु इस समय दो अहम लड़ाइयां लड़ रहा है।
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पहली लड़ाई भाषा की – स्टालिन ने कहा कि हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है, जो तमिलनाडु के लिए अस्वीकार्य है।
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दूसरी लड़ाई परिसीमन की – उन्होंने कहा कि अगर संसदीय सीटों का निर्धारण जनसंख्या के आधार पर होता है, तो तमिलनाडु की सीटें कम हो सकती हैं। यह राज्य के आत्मसम्मान, सामाजिक न्याय और विकास योजनाओं के लिए घातक होगा।
परिसीमन से तमिलनाडु को क्या नुकसान?
परिसीमन का मतलब संसदीय सीटों और विधानसभा क्षेत्रों का नए सिरे से निर्धारण करना होता है। वर्तमान परिसीमन नीति के अनुसार, दक्षिण भारत के राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण को अपनाया है, जबकि उत्तर भारत के कई राज्यों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। यदि परिसीमन केवल जनसंख्या के आधार पर किया जाता है, तो दक्षिण भारतीय राज्यों की संसदीय सीटें कम हो सकती हैं।
राजनीतिक घमासान तेज
सीएम स्टालिन के इस बयान के बाद तमिलनाडु में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। डीएमके समर्थकों ने इसे राज्य की रक्षा के लिए जरूरी बताया, जबकि बीजेपी और एआईएडीएमके नेताओं ने इसे एक "अतिरंजित" प्रतिक्रिया कहा है। राज्य सरकार का कहना है कि अगर परिसीमन लागू हुआ, तो तमिलनाडु की राजनीतिक शक्ति कमजोर हो सकती है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि स्टालिन इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।