Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Sep, 2024 02:38 PM
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ एक दर्दनाक हादसा हुआ जब एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III, फ्रेम नंबर सीजी 863, एक चिकित्सा निकासी मिशन के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
नेशनल डेस्क: भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ एक दर्दनाक हादसा हुआ जब एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III, फ्रेम नंबर सीजी 863, एक चिकित्सा निकासी मिशन के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा 2 सितंबर की रात को हुआ, जब हेलीकॉप्टर मोटर टैंकर 'हरि लीला' से एक गंभीर रूप से घायल चालक दल के सदस्य को एयरलिफ्ट करने के लिए रात 11:15 बजे रवाना हुआ था।
खोज और बचाव अभियान तेज
दुर्घटना के बाद भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय नौसेना और अन्य समुद्री एजेंसियों की मदद से बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान शुरू किया। इस खोज अभियान में दो विमान और चार जहाज तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, साइड-स्कैन सोनार तकनीक से लैस एक जहाज भी जल्द ही इस मिशन में शामिल होने की उम्मीद है। यह तकनीक समुद्री तल की तस्वीरें खींचकर डूबी हुई वस्तुओं का पता लगाने में मदद करती है।
दुर्घटना के दौरान हेलीकॉप्टर में थे चार लोग
जब हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो उसमें चार लोग सवार थे- दो पायलट और दो एयरक्रू गोताखोर। खोज अभियान के दौरान एक सदस्य को जीवित बचा लिया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से दो अन्य सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान कमांडेंट (जूनियर ग्रेड) विपिन बाबू और प्रधान नाविक करण सिंह के रूप में हुई है। उनके अवशेष समुद्र से बरामद कर लिए गए हैं और उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
एक पायलट अभी भी लापता
दुर्घटना के समय हेलीकॉप्टर के पायलट, कमांडेंट राकेश कुमार राणा (टीएम), अभी भी लापता हैं, और उन्हें ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। तटरक्षक बल ने खोज में सहायता के लिए गुजरात मत्स्य विभाग और स्थानीय मछुआरों से भी मदद मांगी है।
जांच के आदेश
दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक औपचारिक जांच बोर्ड का गठन किया गया है। इस बीच, कमांडेंट बाबू (केरल के अलप्पुझा निवासी) और प्रधान नाविक करण सिंह (हरियाणा के झज्जर निवासी) के पार्थिव शरीर उनके परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिए गए हैं। यह हादसा एक बार फिर समुद्री अभियानों में खतरों की ओर इशारा करता है और जांच पूरी होने के बाद ही दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा।