Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Dec, 2024 05:37 PM
रायपुर में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कड़ाके की सर्दी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। बच्चों की सेहत को ध्यान...
नेशनल डेस्क: रायपुर में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कड़ाके की सर्दी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 23 से 28 दिसंबर तक 6 दिन की छुट्टी दी गई है। 29 दिसंबर को रविवार होने के कारण स्कूल बंद रहेंगे, और 30 दिसंबर से फिर से स्कूल शुरू हो जाएंगे।
कई राज्यों में सर्दियों की छुट्टियों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा और सुविधा का खास ख्याल रख रहा है। अगर ठंड का असर और बढ़ता है, तो स्कूलों के समय में बदलाव किए जाने के साथ ही छुट्टियों की अवधि बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है।
बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने कहा है कि शीतलहर की स्थिति को देखते हुए आगे भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वहीं, अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वे बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए उचित इंतजाम करें।
बेसिक शिक्षा परिषद: शीतकालीन अवकाश की घोषणा
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान कक्षा 1 से 8 तक के सभी परिषदीय और मान्यता प्राप्त स्कूल बंद रहेंगे। आदेश सभी जिलों के विद्यालयों पर लागू होगा।
जनवरी में अवकाश की सूची
जनवरी में छात्रों को 14 जनवरी को हजरत अली के जन्मदिन और मकर संक्रांति के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश मिलेगा। इसके अलावा, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर स्कूल, कॉलेज, बैंक, और दफ्तर बंद रहेंगे, लेकिन सरकारी संस्थानों में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किए जाएंगे।
दिल्ली में भी शीतकालीन अवकाश घोषित
दिल्ली में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 1 जनवरी से 15 जनवरी 2025 तक सर्दियों की छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी ने भगीरथ के प्रयासों से कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में प्रवेश किया था। इस दिन महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था। इस कारण पश्चिम बंगाल के गंगासागर में हर साल मकर संक्रांति पर मेला लगता है।