Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 06 Mar, 2025 09:37 PM

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जॉयमाल्या बागची को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश की है।
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जॉयमाल्या बागची को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश की है। यह सिफारिश गुरुवार को की गई और अब इस पर सरकार की स्वीकृति का इंतजार है। कॉलेजियम के प्रस्ताव के अनुसार, यदि जस्टिस बागची को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाता है तो वे 2 अक्टूबर 2031 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करने के योग्य होंगे। इसका मतलब है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में छह वर्षों से अधिक का कार्यकाल मिलेगा।
न्यायमूर्ति बागची का न्यायिक सफर
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27 जून 2011: जस्टिस बागची को कलकत्ता उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
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4 जनवरी 2021: उनका आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरण किया गया।
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8 नवंबर 2021: वे दोबारा कलकत्ता उच्च न्यायालय में लौटे और तब से वहीं कार्यरत हैं।
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13 साल से अधिक का अनुभव: उन्होंने उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं और उनका न्यायिक करियर सराहनीय रहा है।
क्या कहता है कॉलेजियम का बयान?
कॉलेजियम के बयान के अनुसार, जस्टिस बागची की योग्यता और उनके लंबे न्यायिक अनुभव को देखते हुए उनकी सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति उपयुक्त है। उन्होंने कई अहम मामलों में निर्णय दिए हैं और उनका कानूनी ज्ञान व्यापक है।
सुप्रीम कोर्ट की रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में कुछ न्यायाधीशों की सीटें खाली हैं, जिन्हें जल्द ही भरा जाना आवश्यक है। कॉलेजियम इन रिक्तियों को भरने के लिए योग्य न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश कर रहा है। जस्टिस बागची की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी होगी।